वित्त मंत्रालय: जिंक और एलुमिनियम उत्पाद हो सकते हैं महंगे
बहुत जल्द एलुमिनियम और जिंक के भाव बढ़ सकते हैं।
वित्त मंत्रालय की तरफ से आ रही ख़बरों को देखते हुए लगता है बहुत जल्द एलुमिनियम और जिंक के भाव बढ़ सकते हैं। इसके पीछे कारण है। दक्षिण कोरिया से आने वाला एल्युमीनियम और जिंक जैसे उत्पादों पर शुल्क लगाने का निर्णय लिया है।
मंत्रालय की तरफ से खबर आई है कि सरकार इसपर 173.1 डॉलर प्रति तन के दायरे में शुल्क लगा सकती है। ये शुल्क जिंक और एलुमिनियम के लेप वाले उत्पादों पर लगाया जाएगा। बाहर देशों के आयात पर सरकार डंपिंगरोधी शुल्क लगाने का इरादा बना रही है।
डंपिंग आरोप हुआ तय अब लगेगा कर
सरकार ने डंपिंगरोधी शुल्क इसलिए लगाने का निर्णय लिया क्यूंकि जब डंपिंग के आरोप की जांच हुई तब पता चला की ये उत्पाद बहार से बहुत कम दामों पर मंगाए गए हैं। जिसके चलते भारत के घरेलु उद्योग को नुक्सान हुआ है।
जेएसडब्ल्यू स्टील कोटेड प्रोडक्ट्स ने इन उत्पादों के आयात पर शुल्क लगाने काम डीजीटीआर को दिया था। डीजीटीआर ने अपनी छानबीन के द्वारा पर्याप्त सबूत अप्रैल 2019 को दिए थे। डीजीटीआर के सारे सबूतों को ध्यान में रख कर उनपे गौर करते हुए अब कितना कर लगाया जाएगा ये फैसला वित्त मंत्रालय लेगा।
एक झलक:
- बहुत जल्द एलुमिनियम और जिंक के भाव बढ़ सकते हैं।
- दक्षिण कोरिया से आने वाला एल्युमीनियम और जिंक जैसे उत्पादों पर शुल्क लगाने का निर्णय लिया है।
- मंत्रालय की तरफ से खबर आई है कि सरकार इसपर 173.1 डॉलर प्रति तन के दायरे में शुल्क लगा सकती है।
- ये शुल्क जिंक और एलुमिनियम के लेप वाले उत्पादों पर लगाया जाएगा।
- बाहर देशों के आयात पर सरकार डंपिंगरोधी शुल्क लगाने का इरादा बना रही है।
- जेएसडब्ल्यू स्टील कोटेड प्रोडक्ट्स ने इन उत्पादों के आयात पर शुल्क लगाने काम डीजीटीआर को दिया था।
- डीजीटीआर ने अपनी छानबीन के द्वारा पर्याप्त सबूत अप्रैल 2019 को दिए थे।
- डीजीटीआर के सारे सबूतों को ध्यान में रख कर उनपे गौर करते हुए अब कितना कर लगाया जाएगा ये फैसला वित्त मंत्रालय लेगा।