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MSME के लिए ‘फंड ऑफ फंड्स’ का ऐलान संभव – बजट 2020

MSME  सेक्टर इन दिनों फंड की समस्याओं से जूझ रहा है।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम (MSME)  उद्योगों के लिए बजट 2020 में “फंड ऑफ फंड्स” का ऐलान हो सकता है। दरअसल MSME  सेक्टर इन दिनों फंड की समस्याओं से जूझ रहा है। इन समस्याओं के निदान के लिए ही सरकार इसका ऐलान कर सकती है।

वित्त वर्ष 2020 – 21 में मिल सकता है “फंड ऑफ फंड्स”

वित्त वर्ष 2020-21 में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय ने इस सेक्टर के लिए 12 हजार करोड़ रुपये के बजट की मांग की है जो मौजूदा वित्त वर्ष में मिले बजट से 70 पर्सेंट अधिक है। मंत्रालय को वित्त वर्ष 2019-20 में 7,011 करोड़ रुपये मिले थे। मिनिस्ट्री ने चालू फिस्कल इयर में 78 पर्सेंट बजट का इस्तेमाल किया है।

इकॉनोमिक टाइम्स के अनुसार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘हमने इस साल 12 हजार करोड़ रुपये की मांग की है। हम ग्रामीण, पिछड़े और आदिवासी इलाकों की आर्थिक गतिविधियों में निवेश बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।’ वहीँ एक अन्य सरकारी अधिकारी ने ईटी को बताया, ‘फंड की घोषणा हो सकती है।’ यह फंड पूर्व सेबी चेयरमैन यू. के. सिन्हा के नेतृत्व वाली कमिटी के सुझाव पर आधारित होगा। रिजर्व बैंक की ओर से बनाई गई इस कमिटी ने जून 2019 में MSME सेक्टर की सहायता के लिए एक सरकारी फंड शुरू करने का सुझाव दिया था।

क्या थी कमिटी की रिपोर्ट

कमिटी की रिपोर्ट के अनुसार, ‘MSME सेक्टर में निवेश करने वाली वेंचर कैपिटल (VC) और प्राइवेट इक्विटी (PE) फर्मों की मदद के लिए 10 हज़ार करोड़ रुपये का सरकारी फंड ऑफ फंड्स (FoF) बनाया जाना चाहिए। इससे सिडबी की बनाई टर्म शीट के आधार पर इस सेगमेंट में निवेश करने वाली वेंचर कैपिटल VC  और PE फर्मों को क्राउड फंडिंग करने के लिए बढ़ावा मिलेगा। टर्म-शीट और प्रॉडक्ट स्ट्रक्चर को भी बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।’

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इंडस्ट्री को शहर से आगे बढ़कर गांवों पर भी ध्यान देना चाहिए।  मंत्रालय कृषि, ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजन चाहता है। विदित हो कि देश के सकल घरेलू उत्पाद  (Gross domestic product – GDP) में MSME का लगभग 29 पर्सेंट योगदान है जिसे पांच साल में 50 पर्सेंट पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। मंत्रालय MSME क्लस्टर्स के विकास पर भी काम करेगा।

सरकार MSME की इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम की अवधि बढ़ा सकती है। अधिकारी ने बताया, ‘हम इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम जारी रखेंगे।’ योजना का उद्देश्य मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस एंटरप्राइजेज की क्षमता बढ़ाना और MSME के GST रजिस्ट्रेशन को बढ़ावा देना है।