Arthgyani
होम > न्यूज > मुकेश अम्बानी

अमीरों की टॉप 20 की लिस्ट से बाहर हुए मुकेश अम्बानी

कोरोना संकट के कारण बिकवाली की आंधी से शेयर बाज़ार को भारी नुकसान।

कोरोना वायरस का संकट गहराता जा रहा है और लगातार  शेयर बाज़ार गिरता ही जा रहा है। बीते कुछ हफ्तों में ही कई बड़े नामचीन व्यापारियों की संपत्ति कई कई करोड़ घट गयी है। शेयर बाजार के अबतक के इतिहास में इतने कम संमय में इतना ज्यादा घाटा के आंकड़े कहीं दर्ज नहीं हैं। कोरोना के कारण मची अफरा तफरी में बिकवाली की आंधी सी आ गयी है, जिससे कई बड़े उद्योगपतियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

टॉप 20 से बाहर हुए अम्बानी 

इस बिकवाली की आंधी ने मुकेश अम्बानी को टॉप 20 अमीरों की सूची से बाहर कर दिया है। 1 जनवरी के बाद से, यानी 3 माह से भी कम समय में मुकेश अंबानी की दौलत करीब 42 फीसदी घट गई है। अंबानी की कुल संपत्ति 1.47 लाख करोड़ रुपये घटी है। तेल की मांग पर कोरोना वायरस प्रकोप के असर को लेकर रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 41% की गिरावट आई है। कोरोना संकट के कारण लंबे समय बाद मुकेश अंबानी ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स में शामिल टॉप 20 अरबपतियों की लिस्ट से बाहर हो गए हैं। गौरतलब है कि 1 जनवरी 2020 को उनकी कुल दौलत 4,36,570 करोड़ रुपए थी जो कि 20 मार्च तक घटकर मात्र  3,440 करोड़ डॉलर यानी 2,56,280 करोड़ रुपए रह गई।

बिकवाली से उद्योगपतियों को लगा चूना 

बिकवाली की मार  छोटे से छोटे निवेशकों से लेकर अरबपतियों तक झेलना पड़ रहा है। समाचार एजेंसियों से मिली ख़बरों के अनुसार, इस साल अब तक देश के 14 शीर्ष अरबपतियों को लगभग 4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। सिर्फ शीर्ष दो अरबपतियों को ही अकेले 1.85 लाख करोड़ रुये का चूना लगा है।

मुकेश अम्बानी के अलावा देश के शीर्ष कई अरबपति ने भारी नुकसान उठाया है. आर्सेलर मित्तल के सीईओ लक्ष्मी निवास मित्तल की कुल संपत्ति में 35,000 करोड़ रुपये की कमी आई है, वहीं अडाणी समूह के गौतम अडाणी को 32,200 करोड़ रुपये, आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी विप्रो के फाउंडर अजीम प्रेमजी की संपत्ति में 31,360 करोड़ रुपये, कोटक महिंद्रा बैंक के उदय कोटक की संपत्ति में 29,540 करोड़ रुपये तथा एचसीएल के शिव नाडर की कुल संपत्ति में 25,200 करोड़ रुपये की कमी आई है।

विदित हो कि कोरोना के कारण इक्विटी बाजार में भारतीय निवेशकों का अभी तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आधे आकार के बराबर पैसा डूब चुका है। बीएसई के सभी सूचीबद्ध शेयरों का कुल बाजार 3 महीने में 52 लाख करोड़ रुपए नीचे आ गया है। यह 31 दिसंबर, 2019 को 155.53 लाख करोड़ रुपए था जो 23 मार्च, 2020 तक 103 लाख करोड़ रुपए रह गया।