नासिक में बंद हुई नोटों की छपाई, नई करेंसी लाने की तो नहीं है तैयारी?
कोरोना वायरस की वजह से कागजी नोटों का इस्तेमाल हो सकता है खतरनाक
आज से नासिक करेंसी नोट प्रेस में नोटों की छपाई 31 मार्च 2020 तक के लिए बंद कर दिया गया है| हालांकि यह फैसला कोरोना वायरस (coronavirus) से उत्पन्न स्थिति से वहां काम करने वाले कर्मचारियों को किसी संक्रमण से बचाने के उद्देश्य से लिया गया है| मगर इसके साथ ही हाल ही भारत के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ( SBI ) के द्वारा नई करेंसी ( पॉलीमर करेंसी ) के सुझाव को भी गंभीरता से सोचना होगा| हालांकि कोरोना वायरस से अभी देश की जैसी स्थिति है वैसे में सरकार करेंसी बदलाव जैसा बड़ा कदम उठाये इसकी संभावना बहुत कम हैं|
CAIT भी सरकार को लिख चूका है चिट्ठी
मगर SBI समेत देश के तमाम एजेंसियों ने भारत में प्रयुक्त होने वाले कागज़ के करेंसी नोट से कोरोना वायरस के विस्तार का जो रिपोर्ट पेश किया है, वह काफी भयावह है| इसलिए वर्तमान परिस्थिति में इन कागज़ के नोटों की जगह ऑनलाइन और ऐप युक्त भुगतान के विकल्प को अपनाना हमारे लिए अच्छा होगा| इसके अलावे Confederation Of All India Traders (CAIT) ने भी कागजी नोटों से वायरस के विस्तार के प्रति सजग करते हुए एक चिट्ठी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिख चूका है|
छपाई का लक्ष्य 99% पूर्ण
ANI के एक tweet के माध्यम से जो जानकारी साझा की गई है उसके अनुसार नासिक करेंसी प्रेस ने 31 मार्च तक छपाई को बंद करने की घोषणा की है| करेंसी नोट प्रेस के यूनियन लीडर जगदीश गोडसे के अनुसार प्रेस ने 20 मार्च तक अपने नोट छपाई के लक्ष्य का 99% पूर्ण कर लिया है और कोरोना वायरस की वजह से उत्पन्न विपरीत परिस्थिति से प्रेस के कर्मचारियों को बचाने के लिए 31 मार्च 2020 तक छपाई को बंद किया जा रहा है|
SBI ने दी पॉलीमर करेंसी के इस्तेमाल की सलाह
ज्ञात हो कि अभी हाल ही में SBI ने कागजी नोटों से कोरोना वायरस के विस्तार के खतरे के बारे में बताते हुए सुझाव दिया था कि सरकार को कागजी नोटों के चलन को रोक कर पॉलीमर करेंसी नोटों (Polymer Currency Notes) का इस्तेमाल शुरू करना चाहिए| इसके साथ ही डिजिटल लेनदेन के लिए भी ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित किया जाना चाहिए|
पॉलीमर करेंसी की उम्र बहुत ज्यादा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पॉलीमर करेंसी नोटों (Polymer Currency Notes) का इस्तेमाल ब्रिटेन, कनाडा और नाइजीरिया समेत विश्व के कई देशों में होता है| यह कागजी नोटों के मुकाबले काफी मज़बूत और टिकाऊ तो होते ही हैं, साथ ही इसके वायरस से एफेक्टेड होने की संभावना कागजी नोटों के मुकाबले काफी कम रहती हैं| इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार फिलहाल तो नहीं पर निकट भविष्य में करेंसी के बदलाव का विचार तो अवश्य करेगी| फिलहाल सभी का कर्तव्य है कि कागजी नोटों का सीमित इस्तेमाल करते हुए ज्यादा से ज्यादा डिजिटल पेमेंट के विकल्प का चयन करें, ताकि कोरोना वायरस से लड़ने में सभी सक्षम हो सकें|