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NGOs को भरना होगा आयकर रिटर्न मगर!

मगर उन्हें कोई आयकर भरने से छुट दी गई है

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2020-21 का बजट पेश करते हुए चैरिटी संस्थानों के लिए आयकर क़ानून में परिवर्तन करने का निर्णय लिया है| अपनी घोषणा में वित्त मंत्री ने बताया कि चैरिटी संस्थान भले ही अब आयकर के दायरे में आ गए हैं, मगर उन्हें कर के रूप में कोई राशि भुगतान नहीं करना होगा|

अपने वित्त भाषण में वित्त मंत्री ने उल्लेख किया कि अब चैरिटी संस्थानों को अपने आयकर में अपनी पूरी आय की राशि की तो घोषणा तो करनी ही होगी साथ ही उन्हें हरेक दानदाता का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा, साथ ही उन्हें हर दानदाता का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा|

सरकार रखना चाहती है पाई पाई का हिसाब 

सरकार ने यह कदम ब्लैक मनी के बढ़ते प्रचलन को रोक लगाने के उद्देश्य से किया है| सरकार अब ऐसा प्रयास कर रही है कि भले हीं कोई चैरिटी संस्थान एक रूपए का आयकर न भरे मगर उसे जो धन प्राप्त हो रही है उसका वह पूरा विवरण सरकार के समक्ष रखे ताकि काले धन को धर्मार्थ कार्यों में लाने का प्रचालन में कमी आए|

सही संस्थानों को धन प्राप्त करने में होगी आसानी 

सरकार का दर्मार्थ संस्थानों के धन को नियंत्रित करने का यह प्रयास बहुत ही सराहनिए है| इस कदम से न सिर्फ ब्लैक मनी में नियंत्रण आएगा बल्कि इससे चैरिटी संस्थानों के माध्यम से किए जाने वाले गोरखधंधे पर भी नियंत्रण लगेगा और लोग इस शॉर्टकट से बाज आएंगे| यह सही संस्थानों के लिए धन प्रप्ति का मार्ग भी प्रसस्त करेगा, क्योंकि अब हर साल IT रिटर्न भरने वाले चैरिटी संस्थान आसानी से धन प्राप्त कर पाएंगे|

सरकार चैरिटी संस्थानों के माध्यम से यह संदेश भी दे रही है कि सरकार देश में मौजूद एक एक पाई का हिसाब रखना चाहती है| इस क्षेत्र के अलावे भी सरकार ने तमाम क्षेत्रों में डिजिटलीकरन की कोशिश भी इसी प्रयास के तहत किया जा रहा है|