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NSE अपने आईपीओ लाने की तैयारी में , सितंबर का करें इंतजार

इस पेशकश में एक्सचेंज के मौजूदा शेयर धारक ही अपने शेयर बेचेंगे।

बीते साल में कई कम्पनियों के आईपीओ ने निवेशकों को पैसे कमाने के कई सुनहरे अवसर प्रदान किये हैं। इस नए साल में भी निवेशकों को कई अवसर मिलने की संभावना है। देश के प्रमुख शेयर बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) भी जल्द ही अपने आईपीओ पेश करने का मन बना रही है। सोमवार को न्यूज एजेंसी भाषा से बात करते हुए NSE ने कहा कि उसने अपने प्रारम्भिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिये पूंजी बाजार नियामक सेबी से संपर्क किया है और उम्मीद है कि इस साल सितंबर में आईपीओ बाजार में आ जायेगा।

न्यूज एजेंसी  से प्राप्त ख़बरों के अनुसार NSE के प्रबंध निदेशक और सीईओ विक्रम लिमये ने कहा, ‘‘हमने आईपीओ की मंजूरी लेने के लिये सेबी से संपर्क किया है। सेबी से मंजूरी मिलने के बाद हम  प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए मर्चेंट बैंकर नियुक्त करेंगे जो आईपीओ के लिये दस्तावेज का प्रारूप तैयार करने में मदद करेगा।’’ अपनी बातों को विस्तार देते हुए उन्होंने कहा कि एक्सचेंज इस कैलेंडर वर्ष की तीसरी तिमाही में आईपीओ ला सकता है।

आईपीओ उसके शेयरों की बिक्री की पेशकश करेगा

श्री लिमये ने कहा कि समूचा आईपीओ उसके शेयरों की बिक्री पेशकश के रूप में होगा। इस पेशकश में एक्सचेंज के मौजूदा शेयर धारक ही अपने शेयर बेचेंगे। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने इस माह की शुरुआत में घोषणा की थी कि वह एनएसई में अपने 50 लाख शेयर बेचने का विचार कर रहा है। एसबीआई की एनएसई में 5.19 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बैंक इसमें से 1.01 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रहा है। इससे पहले पूंजी बाजार में उतरने की एनएसई की योजना को अप्रैल 2019 में पूंजी बाजार नियामक ने छह माह के लिये रोक दिया था। सेबी ने एनएसई को को- लोकेशन मामले में 625 करोड़ रुपये से अधिक राशि 12 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने को कहा। उसके बाद से ही एनएसई का बाजार में सूचीबद्ध होने का कार्यक्रम अटका हुआ है। सेबी ने को- लोकेशन मामले में एक्सचेंज और उसके शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की थी।