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Reliance Industries-Future Group: अधिग्रहण ने Big Bazaar को बंदी से बचाया, लेकिन ऐसे हालात आए क्यों?

Acquisition ने Big Bazaar को बंदी से बचाया, लेकिन ऐसे हालात आए क्यों?

भारी कर्ज में डूबे और दिवालिया (Bankruptcy) होने की कगार पर पहुंच चुके Future Group को रिलायंस ग्रुप (Reliance) ने खरीद लिया है। Mukesh Ambani की Reliance Retail Ventures Ltd ने शनिवार (29 अगस्त) को 24,713 करोड़ रुपए में देश के सबसे बड़े retail chain रहे फ्यूचर ग्रुप का अधिग्रहण कर लिया है। इस अधिग्रहण से Big Bazaar और Pantaloons जैसी रिटेल चेन वाले फ्यूचर ग्रुप के हजारों स्टाफ की नौकरियां बचेंगी।

Kishore Biyani के फ्यूचर ग्रुप में बिग बाजार, ईजीडे जैसी शृंखला में हजारों लोग की रोजी-रोटी जुड़ी थी। कर्ज नहीं चुका पाने की वजह से कंपनी बंद होने की कगार पर पहुंच चुकी थी। अधिग्रहण के बाद फ्यूचर ग्रुप के बिग बाजार और अन्य ब्रांड्स का क्या होगा? क्या उनका नाम भी बदल दिया जाएगा?

इसका जवाब खुद रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड की निदेशक ईशा अंबानी ने दिया है।

Re-Branding के लिए बिग बाज़ार का नाम नहीं बदला जाएगा: Isha Ambani, Director, RRVL

Future Group के साथ Acquisition से खुश Reliance Retail Ventures Limited की डायरेक्टर ईशा अंबानी (Isha Ambani) ने कहा – “फ्यूचर ग्रुप के पॉपुलर बॉन्ड्स के साथ-साथ Business Ecosystem को भी संरक्षित किया जाएगा। देश में आधुनिक रिटेल के विकास में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हमें आशा है कि छोटे बिजनेसमैन, किराना स्टोर्स और बड़े कंज्यूमर ब्रॉन्ड की सहभागिता के दम पर रिटेल सेक्टर में विकास की गति बनी रहेगी। हम इस अधिग्रहण से अपने उपभोक्ताओं को बेहतर मूल्य प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

शहरी उभोक्ताओं के लिए Big Bazaar वर्षों से रोजमर्रा के सामान की पूर्ति का केंद्र रहा है। Future Group का RRVL से अधिग्रहण पर ईशा अंबानी की बातों से यह तो तय है कि रिलायंस बिग बाजार की रीब्रांडिंग नहीं करने जा रहा इसलिए उपभोक्ताओं के लिए बिग बाजार में कुछ भी नहीं बदलेगा।

Isha Ambani इस अधिग्रहण के बाद बिजनेस को अधिक लोगों तक पहुंचाने को प्रितबद्ध

रिलायंस रिटेल की निदेशक ईशा अम्बानी ने कहा है कि देश भर में अपने उपभोक्ताओं को अहमियत प्रदान के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। रिलायंस, फ्यूचर ग्रुप के बिग बाजार, Easyday और FBB के 1,800 से अधिक स्टोर्स तक पहुंच बनाएगी, जो देश के 420 शहरों में फैले हुए हैं।

Big Bazaar (Future Group) का सफर एक सक्सेस स्टोरी से दिवालियापन तक कैसे पहुंची?

एक 26 साल का नौजवान किशोर बियानी (संस्थापक, फ्यूचर ग्रुप) ने पहला स्टोर Pantaloons के नाम से खोला था। तब किसी ने न सोचा होगा कि 33 वर्ष बाद उनका यह एम्पायर कर्ज के इतने बड़े बोझ के नीचे दब जाएगा। Future Group पर कर्ज का संकट इतना गहरा चुका था कि कंपनी को विदेशी बॉन्ड पर ही 100 करोड़ के ब्याज की अदायगी करनी थी। जिसे कंपनी छूट अवधि खत्म होने के आखिरी दिन ही चुका सकी थी। कोविड-19 ने कंपनी की फाइनेंसियल कंडीशन को और बेहाल कर दिया। कोविड-19 की वजह से Big Bazaar और future group के कई अन्य रिटेल सस्टोर्स को बंद करना पड़ा।

Future Group में 1650 से अधिक Stores लाखों लोगों की आजीविका का साधन रहा है

फ्यूचर ग्रुप की सभी स्टोर्स की बात करें तो यह संख्या 1650 से भी अधिक है। जिसमें हजारों लोग प्रत्यक्ष रुप से कार्यरत थे। वहीं लाखों लोगों की आजीविका इससे अप्रत्क्ष रूप से भी जुड़ी थी। बढ़ते कर्ज और वित्तीय स्थिति को देखते हुए उनमें अपनी आजीविका छिनने का डर होने लगा था। ऐसे में रिलायंस रिटेल के निवेश ने कंपनी को उसके दुर्दिनों से उबार लिया है।

Reliance Industries के साथ Future Group की इस डील ने किशोर बियानी को कर्ज की वजह से दिवालिया होने से बचा लिया है। इस डील के बाद किशोर बियानी को अपने सभी कर्ज चुकाने में मदद मिलेगी। यह भी देखने को मिल सकता है कि आने वाले दिनों में फिर कुछ नई शुरुआत करें।