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SEBI ने चेयरमैन और MD को अलग करने के फैसले को 2022 तक टाला

सेबी ने पूर्व के आदेश में अप्रैल 2020 तक की समय सीमा किया था तय

सेबी ने अपने एक आदेश के तहत अपने एक पूर्व आदेश को खारिज कर दिया, या यूं कहें कि दो साल के लिए पोस्टपोंड कर दिया| ज्ञात हो कि सेबी ने हाल ही में एक आदेश पारित किया था, जिसके तहत चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) के पद को ख़त्म करने का निर्णय लिया था| इसके साथ ही सेबी ने कहा था कि कोई पारिवारिक सदस्य मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर नहीं बैठ सकता है|

ऐसे में सेबी ने  चेयरमैन और MD के पद को अलग करने की डेडलाइन अब अप्रैल 2022 कर दी है| सेबी के इस फैसले से मुकेश अंबानी की रिलायंस सहित बहुत सी कंपनियां दुविधा में थी| सेबी के अपने फैसले में संसोधन से देश की लगभग 500 कंपनियों ने राहत की सांस ली है|

सेबी ने लागत वृद्धि के कारण दी समयसीमा में छुट

SEBI ने शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों के बाजार पूंजीकरण को इस बात का आधार बनाया है| सेबी ने कहा कि कंपनियों द्वारा दिशा-निर्देश को आगे बढ़ाने की अपील की गई क्योंकि इस नियम को अगर आगामी एक अप्रैल से लागू करते हैं, तो फिर उनकी लागत काफी बढ़ जाएगी| सेबी ने इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है|

कंपनियों ने की थी मांग

बता दें कि सेबी चाहता था कि टॉप कंपनियों में एमडी और चेयरमैन पद एक ही शख्स के पास न रहे। वहीं कंपनियों ने अर्थव्यवस्था के हालात के मद्देनजर यह मांग की थी कि इस शर्त को लागू करने के लिए कुछ और वक्त दिया जाए| ऐसे में सेबी ने  चेयरमैन और MD के पद को अलग करने की डेडलाइन अब अप्रैल 2022 कर दी है|

मार्च 2022 तक मुकेश अंबानी ही रहेंगे रिलायंस के CMD

अगर सेबी यह राहत न देता तो रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) मुकेश अंबानी कंपनी के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष बन जाते| वहीं कंपनी के इतिहास में पहली बार अंबानी परिवार से बाहर का कोई सदस्य रिलायंस का मैनेजिंग डायरेक्टर बन सकता था| फिलहाल अब मार्च 2022 तक मुकेश ही सीएमडी और चेयरमैन पद पर बने रहेंगे, इस बात की पूरी संभावना है|

रिलायंस ने कर ली थी तैयारी शुरू

इससे पहले, इस बात की चर्चा थी कि रिलायंस के कार्यकारी निदेशक निखिल मेसवानी या मुकेश अंबानी के विश्वासपात्र एवं कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) मनोज मोदी को MD की जिम्मेदारी मिल सकती है| इसके अलावा कंपनी के अन्य दो कार्यकारी निदेशक निखिल के छोटे भाई हितल और पी. एम. एस. प्रसाद का नामों पर भी चर्चा थी|

सेबी हमेशा से कंपनियों के सुगम कामकाज के लिए नियम बनाते रहता है| सेबी का यह मोहलत सिर्फ समय की मोहलत मानी जा रही है| विदित हो की बहुतों भारतीय कंपनियां CMD के पद से साथ सुविधाजनक तौर से जुडी हुई हैं| सेबी के एकाएक आदेश से CMD पद वाली सभी कंपनियों में दुविधा और हड़बड़ी का माहौल था| इसे भांपते हुए सेबी ने दो साल की मोहलत दे दी है, मगर शायद 2022 में यह मोहलत न मिलें|