भलें ही कोरोना वायरस अभी भी कुछेक देशो तक सीमित है पर उसका आर्थिक प्रभाव और भय पूरे विश्व पर पड़ रहा है| कोरोना के प्रभाव से वैश्विक शेयर बाज़ार आज लुढ़क गया
भलें ही कोरोना वायरस अभी भी कुछेक देशो तक सीमित है पर उसका आर्थिक प्रभाव और भय पूरे विश्व पर पद रहा है| कोरोना वायरस के प्रभाव से वैश्विक शेयर बाज़ार लुढ़क गया, वहीं वैश्विक बाज़ारों के प्रभाव में आकर भारतीय शेयर बाज़ार भी जमीन पर पहुच गया| आज पूरे विश्व के शेयर बाज़ार के लिए एक समान और एक कारण रहा| क्या अमेरिका, क्या यूरोप! हर बाज़ार में हाल एक ही समान रहा| इन सब बाज़ारों के प्रभावों भारतीय शेयर बाज़ार भी खुद को नहीं बचा पाया और आज भारतीय शेयर बाज़ार के दोनों सूचकांकों में भयंकर बिकवाली का रुख देखने को मिला|
आज के कारोबारी दिन की क्लोजिंग के समय BSE का सेंसेक्स जहां रिकॉर्ड 1,448.37 अंक लुढ़क गया, वहीं NSE के निफ्टी ने भी इंट्रा डे गिरावट का कीर्तिमान बनाते हुए 431.55 अंकों की गिरावट दर्ज की|
आज के कारोबारी दिन के समाप्ति के समय सेंसेक्स 3.64% लुढ़क कर 38,297.29 अंकों के स्तर पर आ चूका था, वहीं दूसरी ओर निफ्टी 3.71% लुढ़क कर 11,201.75 पॉइंट पर आ चूका था| आज भारतीय शेयर बाज़ार में पूरे दिन का कारोबार सपाट ही रहा| एक ओर सेंसेक्स जहां कल के 39,745.66 के स्तर से काफी नीचे 39,087.47 के स्तर पर खुला था, जबकि दिन भर के कारोबार में सेंसेक्स ने जो उच्चतम स्तर छुआ वह भी 39,087.47 का ही रहा| सेंसेक्स ने इंट्रा डे का निम्नतम कारोबार 38,219.97 के स्तर पर किया|
दूसरी तरफ NSE के निफ्टी के बारे में बात करें तो आज निफ्टी ने भी सेंसेक्स के रुख ही पालन किया, मगर नुकसान सेंसेक्स के मुकाबले ज्यादा झेलना पड़ा| एक ओर सेंसेक्स 3.64% गिरा, वहीं निफ्टी ने 3.71% का नुकसान झेला| आज निफ्टी अपने इंट्रा डे कारोबार के दौरान 11,382.00 अंकों पर खुला और उसका उच्चतम स्तर मात्र 11,384.80 अंकों का रहा| जबकि सबसे निम्नतम स्तर 11,175.05 पॉइंट का था|
अगर वैश्विक शेयर बाज़ारों की बात करें तो अमेरिका का शेयर बाज़ार ने विगत 12 वर्षों का सबसे बड़ा नुकसान दर्ज किया| यूरोप का हाल भी बेहाल ही रहा| साथ ही जापान के निक्केई, नैस्डैक, शंघाई कंपोजिट और हैंगशेंग के बाज़ारों ने भी आज भयंकर नुकसान झेला| अगर कारण की बात है तो सभी शेयर बाज़ारों ने एक ही वजह से नुकसान उठाया और उस कारण का नाम है कोरोना वायरस| सभी देशों में निवेशक अपने धन को सुरक्षित रखना चाह रहे हैं| इसे उद्देश्य से बिकवाली अपने चरम पर पहुंच चुकी है| ऐसा लग रहा है जैसे पूरे विश्व के निवेशक इस बात से डर रहे हैं कि वीकेंड में कहीं इस वायरस के सीमा में और विस्तार न हो जाएं|
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