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क्रूड ऑइल से कोरोना से अर्थव्यवस्था के नुकसान की भरपाई करेगी सरकार!

विगत दस दिनों से पेट्रोल-डीजल के मूल्य में नहीं हुई है कोई कमी

आज सुबह भी जारी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई कमी नहीं की गई है| आज यह लगातार दसवां दिन है, जब पेट्रोल-डीजल की कीमतों में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं की गई है| ज्ञात हो कि महीनों से क्रूड ऑइल के मूल्य में निरंतर कमी आने के बाद भी भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में विगत दस दिनों से कोई भी कमी नहीं की गई है, जबकि भारत ने जून 2017 से पेट्रोल की कीमतों को मार्केट के हवाले कर दिया था|

क्रूड ऑइल के मूल्य में 40 डॉलर की आ चुकी है कमी 

भारत सरकार के इस रुख को देख कर लगता है कि इस मूल्य अन्तर के माध्यम से सरकार कोरोना वायरस के भारतीय अर्थव्यवस्था को हो रहे नुकसान की भरपाई करेगी| इसी से जुड़ी हुई एक और और खबर बाहर आ रही है, उसके अनुसार भारत सरकार ने ऑइल ट्रेड वार और कोरोना वायरस के कारण वैश्विक क्रूड ऑइल मूल्य में आई भयंकर कमी का फायदा उठाने की स्ट्रेटेजि बना रही है, और इस स्ट्रेटेजि के तहत सभी सरकारी पेट्रोलियम कम्नियों की मदद से अभी क्रूड ऑइल का भंडारण किया जाएगा|

भारत भरेगा अपना तेल रिज़र्व 

भारत सरकार इस योजना के तहत अभी कम मूल्य में क्रूड ऑइल की खरीदी कर के अपने रिज़र्व भंडार को भरेगा, ताकि भविष्य में जब क्रूड ऑइल के मूल्य में वृद्धि भी हो तो वह इस क्रूड रिज़र्व का इस्तेमाल कर आर्थिक नुकसान से बच सकें| ज्ञात हो कि जिस क्रूड ऑइल की कीमत कुछ माह पूर्व जहां 70 डॉलर/बैरल हुआ करती थी, हाल के महीनों में उसकी कीमत गिरते-गिरते 30 डॉलर/बैरल तक आ चुकी है|

पेट्रोलियम की पूर्ति आयात से

विदित हो कि यह बात सर्वविदित है कि भारत अपनी पेट्रोलियम जरुरत का ज्यादातर आपूर्ति आयात के माध्यम से ही करता है| इन्ही दोनों तथ्यों को मिलाकर भारत सरकार ने अभी सस्ते में उपलब्ध क्रूड ऑइल को खरीद कर रिज़र्व करने की रणनीति पर कार्य कर रही है और जैसा कि विगत दस दिनों से पेट्रोल-डीजल के खुदरा मूल्य में कोई कमी नहीं की गई है, यही रुख आगे भी जारी रख सकती है| इससे आम जन को शायद सीधे फायदा न हो मगर देश की अर्थव्यवस्था इस कोरोना वायरस से उत्पन्न विपरीत परिस्थिति में भी स्थिर रह सकती है|

कोरोना से बाद की स्थिति की तैयारी 

जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से उत्पन्न स्थिति कि वजह से भारत में इन्डस्ट्रीयल गतिविधियों सहित बहुत से व्यवसायिक कार्यों में शिथिलता आ गई हैं, जिससे पेट्रोल-डीजल की खपत में भारी कमी हुई है, मगर लोगों के ज्यादा समय घर में व्यतीत करने की वजह से एलपीजी सहित पाइपलाइन गैस की खपत में वृद्धि हुई है| मगर जैसे ही कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति पर नियंत्रण लगेगा लोग फिर से सामान्य कामकाज और कारोबार प्रारंभ करने का प्रयास करने लगेंगे| भारत सरकार भविष्य के लिए तैयार रहना चाहती है|