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जेनेरिक एग्रो कंपनी UPL के 15 ठिकानों पर आयकर विभाग का छापा

एग्रोकेमिकल्स कारोबार से जुड़ी बड़ी कंपनी UPL लिमिटेड, जिसका पुराना नाम युनायटेड फॉस्फरस लिमिटेड है

जेनेरिक एग्रो कंपनी UPL के 15 व्यापारिक ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की है| इससे उसके शेयरों में उथलपुथल का माहौल है| एग्रोकेमिकल्स कारोबार से जुड़ी बड़ी कंपनी UPL लिमिटेड, जिसका पुराना नाम युनायटेड फॉस्फरस लिमिटेड है, के 15 ठिकानों पर इनकम टैक्स के छापों की खबरें आई है|

इन खबरों के बाद आज बुधवार को दिन के कारोबार में शेयर 580 रुपए के भाव पर खुलने के बाद 554 रुपए के स्तर पर लुढ़क गया था| हालांकि अब शेयर में कुछ रिकवरी आई है और खबर लिखे जाने तक यह 564 रूपए के स्तर पर कारोबार कर रहा था|

कंपनी का पोर्टफोलियो काफी मजबूत 

विदित हो कि 1969 में इस कंपनी का गठन हुआ था| कंपनी ने स्मॉल स्केल इकाई के तौर पर काम शुरु किया था| लेकिन आज UPL दुनिया की सबसे बड़ी जेनेरिक एग्रो कंपनियों में से एक है| कंपनी एग्रो, स्पेशियालिटी, इंडस्ट्रियल केमिकल बनाने का काम करती है| करीब 120 से ज्यादा देशों में कंपनी का कारोबार है| दुनियाभर में 28 फैक्ट्रियां और 1400 से ज्यादा प्रोडक्ट पोर्टफोलियो है|

अब क्या करें निवेशक?

न्यूज़18 से बात करते हुए एसकोर्ट सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकबाल का कहना है कि शेयर में गिरावट छापेमारी की खबरों के वजह से आई है| हालांकि कंपनी के फंडामेंटल बेहद मज़बूत है और इस वजह से इसके शेयरों में आने वाले दिनों में फिर से तेजी की उम्मीद है| कंपनी के बैलेसशीट पर 5350 करोड़ रुपए का कर्ज और 2894 करोड़ रुपए का कैश है| ग्लोबल कंसॉलिडेशन के बीच कंपनी अधिग्रहण कर सकती है| एडवांटा के विलय से करीब 100 करोड़ रुपए की बचत होगी| वैश्विक रूप से कंपनी के पास फिलहाल 43000 करोड़ रुपए का मार्केट कैप है|

विदित हो कि हाल ही में भारत में भी कंपनी के 3 प्रोडक्ट्स ने 100 करोड़ रुपए का कारोबार किया है|

कंपनी के ग्लोबल मार्केट में 30.27 फीसदी प्रोमोटर की हिस्सेदारी है| साथ ही FII का 45.89 फीसदी और म्युचुअल फंड का 10.86 फीसदी हिस्सा है| बताते चलें कि कंपनी में सितंबर 2016 में प्रोमोटर का हिस्सा 27.76 फीसदी था जो दिसंबर 2016 में बढ़कर 30.27 फीसदी हुआ| वहीं मार्च 2017 तक 30.27 फीसदी ही रहा है|

अभी तक यह ज्ञात नहीं हुआ है कि आयकर विभाग के द्वारा छापेमारी की कार्रवाई के पीछे क्या पृष्ठभूमि क्या है, मगर कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड देखते हुए उसके शेयरों में ज्यादा नुकसान होता नहीं दिखाई देता|