Arthgyani
होम > योजना > MSP क्या है? क्यों इसके लिए किसान Agriculture Bill का विरोध कर रहे हैं, जानें इधर

MSP क्या है? क्यों इसके लिए किसान Agriculture Bill का विरोध कर रहे हैं, जानें इधर

न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP वह न्यूनतम मूल्य होता है जो कृषि लागत एवं मूल्य आयोग यानी CACP द्वारा तय मानकों के मुताबिक किसानों द्वारा बेचे जाने वाले अनाज के एवज में दिया जाता है।

केंद्र की मोदी सरकार ने देश के किसानों के लिए संसद में नया Agriculture Bill पेश किया है। यह बिल लोकसभा में पारित होने बाद आज राज्यसभा में भी पास हो गया है। लेकिन किसानों के साथ विपक्षी पार्ट‍ियां लगातार विरोध कर रही हैं। बता दें, Agriculture Bill में किसानों के सबसे विरोध का कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी Minimum Support Price है। क्योंकि, इस नए बिल में MSP का कहीं आधिकारिक तौर जिक्र नहीं किया गया है और ना ही इसके हमेशा रहने को लेकर कुछ कहा गया है। इसलिए किसान इस Agriculture Bill का विरोध कर रहे हैं।

जानें क्या है MSP

न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP वह न्यूनतम मूल्य होता है जो कृषि लागत एवं मूल्य आयोग यानी CACP द्वारा तय मानकों के मुताबिक किसानों द्वारा बेचे जाने वाले अनाज के एवज में दिया जाता है। भले ही बाजार में किसान की उन फसलों को मूल्य गिर रहा हो। लेकिन, सरकार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसलों और उत्पादों को खरीद कर उनके हितों की रक्षा करती है। सरकार द्वारा MSP की घोषणा हर साल फसल बोने से पहले की जाती है। जिसमें रबी और खरीफ की दोनों फसलें शामिल होती हैं।

इन मानकों से तय होता है MSP

कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) द्वारा MSP तय करने से पहले उत्पाद की लागत, फसल में काम वाली चीजों की कीमतों में बदलाव, मार्केट भाव कैसा है, डिमांड और सप्लाई के हालात और देश तथा देश के बाहर के हालात देखे जाते हैं। वर्तमान परिद्रश्य की मानें शांता कुमार समिति की रिपोर्ट के अनुसार देश में सिर्फ 6 फीसदी किसानों को ही MSP व्यवस्था का लाभ मिलता है, बाकी किसान बाजार भाव पर अपनी फसल बेचने को लेकर मजबूर रहते हैं।

ऐसे तय होती है MSP पर फसल की कीमत

कृषि लागत एवं मूल्य आयोग MSP पर फसल की कीमत तय करने के लिए Comprehensive Cost फॉर्मूले को अपनाती है। जिसमें किसान द्वारा लगाई गई लागत जैसे- खाद, बीज आदि। किसान परिवार के मेहनत और जमीन की इंफ्रा लागत को भी शामिल किया जाता है जिस पर खेती हुई है। इतना ही नहीं कुल कृषि पूंजी पर लगने वाला ब्याज भी Comprehensive Cost में होता है। इस तरह फसल की कीमतें गिरने पर भी MSP किसानों को बचाने वाली बीमा पॉलिसी की तरह काम करती है।

MSP से होने वाले लाभ

  • MSP से फसलों की कीमतों में स्थिरता बनी रहती है।
  • किसानों को न्यूनतम रेट मिलना तय रहता है। जिससे आम नागरिक को भी लाभ होता है।
  • बाजार में कीमतें स्थ‍िर रहने से रिटेल में भी कीमतें अनियंत्रित नहीं होती।
  • MSP से किसान अपनी फसल के सही दाम मिलने को लेकर निश्चिंत रहते हैं।