स्टार निर्यातकों को मान्यता देने की प्रक्रिया को सख्त बनायें – CBIC
केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) को दिया निर्देश।
आये दिन बढ़ते कर धोखाधड़ी को देखते हुए केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने विदेश व्यापार महानिदेशालय को कुछ महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए हैं। CBIC ने विदेश व्यापार महानिदेशालय को कहा कि स्टार निर्यातकों को मान्यता देने की प्रक्रिया को और सख्त बनाया जाये।
सीबीआईसी की ओर से, कुछ ‘स्टार’ दर्जा प्राप्त निर्यातकों द्वारा आईजीएसटी रिफंड का दुरुपयोग की घटना सामने आने के बाद यह कहा गया है। सीबीआईसी ने आईजीएसटी रिफंड का धोखाधड़ी पूर्ण इसतेमाल करने के मामले में उपलब्ध आंकड़ों का बारीकी से विश्लेषण किया। सीबीआईसी लगातार इन मामलों की जाँच कर रही है। सूत्रों ने कहा, ‘‘जो जांच चल रही है उसमें कम से कम नौ स्टार निर्यात घराने ऐसे हैं जो कि उनके दिये गये पते पर नहीं पाये गये। इन सभी स्टार निर्यातकों ने आईजीएसटी रिफंड का इस्तेमाल किया है।’’
‘स्टार’ दर्जा प्राप्त निर्यातकों की पड़ताल हो
नवभारत टाइम्स से ली गयी सूचनाओं के अनुसार सीबीआईसी ने इस महीने की शुरुआत में डीजीएफटी ((Directorate General of Foreign Trade- DGFT) को भेजे एक पत्र में कहा है, ‘‘एक ‘स्टार’ दर्जा प्राप्त निर्यातक को कई तरह की सुविधायें प्राप्त हैं। सीमा शुल्क मामले में भी उसकी जांच पड़ताल कम होती है। सीबीआईसी का कहना है ‘स्टार’ दर्जा प्राप्त निर्यातकों की पड़ताल होते रहना चाहिये। ऐसे में डीजीएफटी को चाहिये कि वह ऐसे निर्यातकों के मामले में दूसरे नियामकों से भी नियमित रूप से उनकी अनुपालन रिपोर्ट हासिल करता रहे। उसे निर्यातकों को अनुपालन रिकार्ड और बैंकों से एनपीए Non-performing asset के प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने के लिये भी कहना चाहिये।’’
आयकर, GST और सीमा शुल्क ने खोले धोखाधड़ी का राज
आयकर, जीएसटी और सीमा शुल्क के आंकड़ों का आपस में मिलान कर इस तरह की धोखाधड़ी का पता लगाया गया। कुछ मामलों में अनुपालन के मामले में गंभीर मुद्दे सामने आये हैं। ऐसे मामले सामने आये हैं जहां एक निर्यातक ने 50 करोड़ रुपये से अधिक के रेडीमेड गार्मेट का निर्यात किया है और 3.90 करोड़ रुपये का रिफंड लिया है लेकिन इस कंपनी ने कुल मिलाकर मात्रा 1,650 रुपये का जीएसटी भुगतान किया है। कर अधिकारियों की जांच पड़ताल में ऐसे और भी कई मामले सामने आये हैं जहां कर क्रेडिट में धोधाखड़ी का अंदेशा हुआ है।