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जेम पोर्टल पर व्यापार 40,000 करोड़ रुपये के पार

यह सार्वजनिक क्षेत्र की खरीदारी के लिए बनाए गए ऑनलाइन पोर्टल है।

सरकार द्वारा बनायीं गयी ऑनलाइन पोर्टल ‘जेम’ (GEM -Govt.-e  marketplace) पर अबतक 40,000 करोड़ रुपये का व्यापार हो चुका है।  ज्ञात हो कि यह सार्वजनिक क्षेत्र की खरीदारी के लिए बनाए गए ऑनलाइन पोर्टल है जिससे  40,000 करोड़ रुपये तक की सरकारी खरीद-फरोख्त की गयी है।

समाचार एजेंसी “भाषा” से प्राप्त ख़बरों के अनुसार व्यय सचिव टी. वी. सोमनाथन ने आज सोमवार को नई दिल्ली में वैश्विक खरीद शिखर सम्मेलन 2020 को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी कि जेम पर अब तक 40,000 करोड़ रुपये से अधिक की खरीद-फरोख्त की जा चुकी है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे पास जेम है, एक केंद्रीय खरीद पोर्टल। राज्य सरकारों की निविदाओं को मिलाकर इस पर वर्तमान में एक लाख टेंडर हैं। इसके अलावा हमारे पास केंद्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल (सीपीपीपी) पर सालाना 18 से 19 लाख करोड़ रुपये की निविदाओं की व्यवस्था है।’’ ज्ञात हो सीपीपीपी वर्ष 2012 से परिचालन में है।

मुख्य सन्दर्भ 

  • जेम पोर्टल पर व्यापार 40,000 करोड़ रुपये के पार।
  • जेम (Govt e marketplace) सार्वजनिक क्षेत्र की एक केंद्रीय खरीद पोर्टल है।
  • सरकारी विभागों के खरीद के लिए एक खुली और पारदर्शी व्यवस्था के मकसद से इसे शुरू किया था। 
  • इस पोर्टल पर 3.24 लाख वेंडर रजिस्टर्ड हैं।
  • इस पर फिलहाल राज्य सरकार की निविदाओं के साथ 1,00,000 इलेक्ट्रॉनिक निविदाएं हैं।
  • सालाना 18 से 19 लाख करोड़ रुपये की निविदाओं की व्यवस्था है।
  • सरकार की योजना जेम पोर्टल का कारोबार बढ़ाकर तीन लाख करोड़ रुपये तक करने की है।

विदित हो कि वाणिज्य मंत्रालय ने सरकारी विभागों और मंत्रालयों की खरीद के लिए एक खुली और पारदर्शी व्यवस्था देने के मकसद से अगस्त 2016 में जेम को शुरू किया था। वर्तमान में इस पोर्टल पर 3.24 लाख वेंडर रजिस्टर्ड हैं और फिलहाल इस प्लेटफॉर्म पर 3.24 लाख वेंडर रजिस्टर्ड हैं। राज्य सरकारों की निविदाओं को मिलाकर इस पर वर्तमान में एक लाख टेंडर हैं। इसके अलावा केंद्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल (सीपीपीपी) पर सालाना 18 से 19 लाख करोड़ रुपये की निविदाओं की व्यवस्था है।

जेम का पूरा जोर अर्थव्यवस्था, निष्पक्षता और पारदर्शिता पर है। श्री टी. वी. सोमनाथन ने कहा कि  बेहतर खरीद से सरकार की राजकोषीय स्थिति पर काफी फर्क पड़ता है। इस दिशा में सरकार ने हाल में सामान्य वित्तीय नियमों (GFR) और प्रोक्यूरमेंट मैन्युअल्स में संशोधन किया है। इसके साथ ही सरकारी खरीद में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को लेकर भी प्रगति हुई है। गौरतलब है कि 1 फ़रवरी को अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार का लक्ष्य GeM पोर्टल का टर्नओवर बढ़ाकर तीन लाख करोड़ रुपये करना है।