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बजट 2020: रक्षा बजट की उमीदों पर नहीं उतरा खरा

नहीं हुई बढ़ोत्तरी रक्षा बजट में

आज बजट 2020 -21 पेश किया गया वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस बजट मे रक्षा बजट को ज्यादा लाभ नहीं हुआ। रक्षा बजट में इस बार भी अपेक्षित बढ़ोत्तरी की उम्मीदों पर पानी फिर गया। पिछले साल की तुलना में महज छह फीसदी की बढ़ोत्तरी रक्षा बजट में हुई है। जबकि रक्षा मंत्रालय की तरफ से 15-20 फीसदी तक बढ़ोत्तरी की मांग रखी गई थी। यदि पिछले साल के संशोधित रक्षा बजट से तुलना करें तो यह बढ़ोत्तरी महज दो फीसदी की है।

रक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि यदि जीडीपी के अनुपात में हम रक्षा बजट को देखें तो हम 1962 के स्तर पर पीछे जा चुके हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को जब आम बजट पेश किया तो करीब पौने तीन घंटे के भाषण में उन्होंने रक्षा बजट का जिक्र तक नहीं किया। इससे साफ हो गया था कि बढ़ोत्तरी उम्मीद के अनुरूप नहीं है। जबकि रक्षा बजट आम बजट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता था और पूरे देश की इस पर नजर लगी रहती है।

पिछली बार की तुलना मे सिर्फ 2 प्रतिशत की हुई बढ़त

पिछले साल रक्षा बजट में 3.18 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गये थे। जबकि आम बजट में अगले साल के लिए 3.37 लाख करोड़ आवंटित कि गए हैं। इस साल रक्षा बजट के खर्च का संशोधित अनुमान 3.31 लाख करोड़ का है। इस हिसाब से देखा जाए तो बढ़ोत्तरी नगण्य है। बता दें कि इसमें भूतपूर्व सैनिकों के पेंशन के लिए आवंटित राशि शामिल नहीं है। यह राशि 1.33 लाख करोड़ रुपए अलग से है।

सेनाओं के आधुनिकीकरण के बजट में करीब दस हजार करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। इस बार करीब 1.13 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। जो पिछली बार से 10340 करोड़ रुपये अधिक है। इस राशि को तीनों सेनाओं में आवंटित करना होता है। तीनो सेनाओं के हिसाब से देखा जाए तो ये राशि बहुत कम है।