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यूनिटेक का नियंत्रण जा सकता है सरकार के हाथों मे

यूनिटेक के प्रमोटरों ने की करोड़ों रुपये की हेराफेरी

यूनिटेक से घर खरीदने वाले करीब 30,000 लोगों के लिए खुशखबरी है। केंद्र सरकार ने इस कंपनी का नियंत्रण अपने हाथ में लेने का फैसला किया है। यूनिटेक बहुत नाजुक स्थिति मे चल रही है। कंपनी ने वित्तीय संस्थानों और ग्राहकों से मिले हुए 50 प्रतिशत से ज्यादा रूपये का गलत इस्तेमाल किया है।यूनिटेक ग्रुप और इसके निदेशकों ने ग्राहकों और बैंकों के पैसों में कथित रूप से हेराफेरी की। अब तक यह दूसरी बारह हुआ है जब सरकार ने किसी बड़ी कंपनी का नियंत्रण अपने हाथ में लिया है। इससे पहले सरकार ने 2009 में सत्यम नाम की कंपनी  का नियंत्रण अपने हाथ में लिया था। तब कंपनी के चेयरमैन रामलिंगा राजू पर कंपनी में हेरा फेरी करने का आरोप लगा था।

सुप्रीम कोर्ट ने 18 दिसंबर, 2019 को केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या वह 2017 के अपने प्रस्ताव पर विचार करने के लिए तैयार है, क्योंकि यूनिटेक लिमिटेड की परियोजनाओं को किसी विशिष्ट एजेंसी द्वारा अपने हाथों में लेने की तत्काल जरूरत है, ताकि घर खरीदारों के हित में अटकी परियोजनाओं को तय समय के भीतर पूरा किया जा सके। केंद्र सरकार ने नये नोट में पुराने प्रस्ताव पर विचार करने की सहमति व्यक्त करने के साथ ही कहा कि वह कंपनी की अटकी परियोजनाओं को पूरा करने के लिये इसमें पैसे नहीं लगायेगी।

यूनिटेक ने की करोड़ों की हेराफेरी

यूनिटेक समूह और उसके प्रमोटरों ने करोड़ों रुपये की हेराफेरी की फॉरेंसिक ऑडिट की एक रिपोर्ट से पता चला है। इस हेराफेरी के कारण मौजूदा प्रबंधन के लिए कंपनी के हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने मे काफी कठिनाइयाँ आ रही हैं। इन सारी बातों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कंपनी का नियंत्रण अपने हाथ में लेने को कहा। हालांकि, 2017 में केंद्र सरकार ने यूनिटेक समूह का नियंत्रण अपने हाथ में लेने की कोशिश की थी। लेकिन तब सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।

कंपनी ने 74 परियोजनाओं को पूरा करने के लिए यह राशि जुटायी थी। इसमें पता चला है कि कंपनी ने घर खरीदारों से जुटाये करीब 5,063 करोड़ रुपये और वित्तीय संस्थानों से जुटाये करीब 763 करोड़ रुपये का इस्तेमाल नहीं किया, बल्कि 2007 से 2010 के दौरान कंपनी द्वारा कर चोरी के लिहाज से पनाहगाह माने जाने वाले देशा में बड़ा निवेश किये जाने का पता चलता है।