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व्यक्तिगत आयकर कानून में सुधार लाना चाहिये: सुभाष चन्द्र गर्ग

बजट-2020 पूर्व वित्त सचिव का सुझाव

कर राजस्व संग्रह लक्ष्य से 2,500 अरब रुपये (जीडीपी का 1.2 प्रतिशत) कम रहने की संभावना है।अब समय आ गया है कि डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को समाप्त कर दिया जाए और व्यक्तिगत आयकर कानून में सुधार लाना चाहिए।वित्त वर्ष 2019-20 राजस्व संग्रह के नजरिये से एक बुरा वर्ष साबित होने जा रहा है|ये कहना है पूर्व वित्त सचिव भारत सरकार सुभाष चंद्र गर्ग का| उन्होंने ये अनुमान रविवार को लिखे blog में व्यक्त किये |

डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स हटाने की मांग:

पूर्व वित्त सचिव ने अपने ब्लॉग में बताया कि चालू वित्त वर्ष में सरकार का कर संग्रह निर्धारित लक्ष्य से करीब ढाई लाख करोड़ रुपये कम रहने का अनुमान है। ये राशि देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1.2 प्रतिशत के बराबर है।अपने लेख में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स हटाने की भी मांग की तथा व्यक्तिगत आयकर कानून में सुधार का भी सुझाव दिया|विदित हो कि सरकार ने बजट में कुल मिलाकर 24.59 लाख करोड़ रुपये कर संग्रह होने का अनुमान लगाया था।

कर संग्रह में गिरावट संभव:

गर्ग के अनुसार, कॉर्पोरेट कर, उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क संग्रह में 2019-20 में गिरावट रह सकती है। यह गिरावट क्रमश: आठ प्रतिशत, पांच प्रतिशत और 10 प्रतिशत होगी। कंपनी कर में आठ प्रतिशत, उत्पाद शुल्क 2.31 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले करीब पांच प्रतिशत कम 2.2 लाख करोड़ रुपये और सीमा शुल्क प्राप्ति 1.18 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान के मुकाबले दस प्रतिशत कम 1.06 लाख करोड़ रुपये रह सकता है। उन्होंने बताया कि राज्यों के हिस्से का 8.09 लाख करोड़ रुपये अलग रखे जाने के बाद बजट में केंद्र सरकार का शुद्ध राजस्व संग्रह लक्ष्य 16.50 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। यह 2018-19 में संग्रह किए गए 13.37 लाख करोड़ रुपये के अस्थाई वास्तविक कर संग्रह से 3.13 लाख करोड़ रुपये यानी 23.4 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा वास्तव में यह काफी ऊंचा लक्ष्य है।

टैक्स सुधार का सही वक्त:

पूर्व वित्त सचिव के अनुसार केंद्र सरकार का सकल राजस्व संग्रह 3.5 लाख से 3.75 लाख करोड़ रुपये तक कम रहने की संभावना है।यह काफी बड़ा फासला है और इसे गैर- कर राजस्व में अधिक प्राप्ति के जरिये भरना मुश्किल है। खर्च में कटौती से भी इसकी भरपाई मुश्किल लगती है। राजकोषीय घाटा बजट में रखे गये 3.3 प्रतिशत के अनुमान के मुकाबले 0.5 से लेकर 0.7 प्रतिशत तक ऊंचा रहेगा| ये सरकार के लिये कर ढांचे में सुधार लाने का सही समय है।