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स्‍टार्टअप्‍स को मिलेगा बढ़ावा, राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद स्थापित

स्‍टार्टअप्‍स को बढ़ावा देने के लिए मजबूत तंत्र के रूप में राष्‍ट्रीय स्‍टार्टअप सलाहकार परिषद स्थापित हुई।

केन्‍द्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि सतत आर्थिक विकास को संचालित करने और बड़े स्‍तर पर रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्‍य से, साथ ही देश में नवाचार और स्‍टार्टअप्‍स को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में राष्‍ट्रीय स्‍टार्टअप सलाहकार परिषद स्थापित कर दी गयी है। यह परिषद् सरकार को स्‍टार्टअप से संबंधित आवश्‍यक सुझाव भी देंगे।

विदित हो कि स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप्स और नये विचारों के लिए एक मजबूत तंत्रों, पथ और उद्योगों का निर्माण करना है जिससे देश का आर्थिक विकास हो एवं बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हों।

स्‍टार्टअप सलाहकार परिषद की संरचना 

इस राष्‍ट्रीय स्‍टार्टअप सलाहकार परिषद की अध्‍यक्षता वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री करेंगे। इस परिषद में गैर-आधिकारिक सदस्‍य होंगे, जिनका कार्यकाल दो वर्ष का होगा।  इन गैर-आधिकारिक सदस्यों को केन्‍द्र सरकार द्वारा सफल स्‍टार्टअप्‍स के संस्‍थापकों, भारत में कंपनी बनाने और उसे विकसित करने में अनुभवी व्‍यक्तियों को चुना जायेगा।

इस परिषद् में स्टार्टअप में निवेशकों के हितों का प्रति‍निधित्‍व करने में सक्षम लोगों, इन्‍क्‍यूबेटरों एवं उत्‍प्रेरकों के हितों का प्रतिनिधित्‍व करने में सक्षम लोगों और स्‍टार्टअप्‍स के हितधारकों के संघों एवं औद्योगिक संघों के प्रतिनिधियों जैसे विभिन्‍न वर्गों से भी सदस्यों को नामांकित किया जायेगा। 

मंत्रालय ने कहा कि मंत्रालयों, विभागों और संगठनों के नामित सदस्य संयुक्त सचिव के पद से नीचे के नहीं होंगे। ये पदेन सदस्य होंगे। व्यक्तियों के नामों को बाद में अधिसूचित किया जाएगा।

स्‍टार्टअप सलाहकार परिषद के कार्य 

स्‍टार्टअप सलाहकार परिषद के स्थापना पर मंत्रालय द्वारा कहा गया है कि यह परिषद, सार्वजनिक संगठनों को नवाचार को आत्मसात करने, बौद्धिक संपदा अधिकारों के सृजन, संरक्षण और व्यावसायीकरण को बढ़ावा देने, नियामकीय अनुपालन एवं लागत को कम करके कारोबार शुरू करने, उसे संचालित करने, आगे बढ़ाने एवं छोड़ देने को आसान बनाने के उपायों पर भी सुझाव देगी।

इसके अलावा, परिषद स्टार्ट-अप्स के लिए पूंजी तक पहुंच आसान बनाने, निवेश के लिए घरेलू पूंजी को प्रोत्साहित करने, निवेशकों के लिए वैश्विक पूंजी जुटाने और मूल प्रवर्तकों के साथ स्टार्ट-अप नियंत्रण रखने के तौर तरीके सुझाएगी।

समाचार एजेंसी भाषा से ली गयी ख़बरों के अनुसार वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, परिषद छात्रों और अन्य लोगों के बीच नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के उपायों के बारे में सुझाव देगी। मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा, परिषद स्टार्ट-अप्स के लिए पूंजी तक पहुंच आसान बनाने, निवेश के लिए घरेलू पूंजी को प्रोत्साहित करने, निवेशकों के लिए वैश्विक पूंजी जुटाने और मूल प्रवर्तकों के साथ स्टार्ट-अप नियंत्रण रखने के तौर तरीके सुझाएगी।

क्या है स्टार्टअप इंडिया

स्टार्टअप इंडिया एक इकाई है, जो भारत में सिर्फ़ पांच साल से पंजीकृत है और इसका सालाना कारोबार किसी भी वित्तीय वर्ष में अधिकतम 25 करोड़ रुपये रहा है। यह इकाई प्रौद्योगिकी या बौद्धिक सम्पदा से प्रेरित नये उत्पादों या सेवाओं के नवाचार, विकास, प्रविस्तारण या व्यवसायीकरण की दिशा में काम करती है।

सरकार द्वारा इस संबंध में घोषित कार्य योजना स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के सभी पहलुओं को संबोधित करने और इस आंदोलन के प्रसार में तेजी लाने की उम्मीद करती है।