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सेबी को लेखापरीक्षकों पर पाबंदी लगाने का अधिकार नहीं- सुप्रीम कोर्ट

पीडब्ल्यूसी मामले में सैट के आदेश पर लगी अंतरिम रोक को बढ़ा दिया गया है।

पीडब्ल्यूसी मामले में प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) के आदेश पर लगी अंतरिम रोक को बढ़ा दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यह फैसला दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सेबी के पास लेखापरीक्षकों पर पाबंदी लगाने का अधिकार नहीं है। सेबी की ओर से अपील दायर की गयी है जिसमे सेबी ने सैट के 9 सितंबर 2019 के आदेश को चुनौती दी है। इस अपील पर मार्च के तीसरे हफ्ते में सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ इसपे सुनबाई करेगी। समाचार एजेंसी से प्राप्त ख़बरों के अनुसार के अनुसार अपीलीय न्यायाधिकरण ने अपने आदेश में ऑडिट कंपनी प्राइस वाटरहाउस पर लगी पाबंदी को हटाते हुए कहा था कि बाजार नियामक सेबी के पास लेखापरीक्षकों (ऑडिटरों) पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं है।

मुख्य बिंदु 

  • पीडब्ल्यूसी मामले में सैट के आदेश पर लगी अंतरिम रोक को बढ़ा दिया गया है।
  • पीडब्ल्यूसी पर 7,800 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में सेबी ने दो साल की रोक लगायी थी।
  • न्यायाधिकरण ने आदेश को खारिज कर दिया था।
  • सेबी ने सैट के 9 सितंबर 2019 के आदेश को चुनौती दी है।
  • सत्यम घोटाला मामले में भूमिका को लेकर 10 जनवरी 2018 को पीडब्ल्यूसी पर रोक लगी थी।

विदित हो कि पीडब्ल्यूसी पर 7,800 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के सिलसिले में  सेबी द्वारा दो साल की रोक लगायी गयी थी। न्यायाधिकरण ने आदेश को खारिज कर दिया था, लेकिन संबंधित आडिटरों से 13 करोड़ रुपये की वसूली की अनुमति दे दी थी। सेबी ने दो साल की पाबंदी खारिज करने के सैट के निर्णय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। पूंजी बाजार नियामक  सेबी ने सत्यम घोटाला मामले में भूमिका को लेकर 10 जनवरी 2018 को प्राइस वाटरहाउसकूपर्स (पीडब्ल्यूसी) पर किसी भी सूचीबद्ध कंपनी के आडिट को लेकर दो साल की पाबंदी लगायी थी।