वर्ष 2021 में दूध की कीमतों में स्थिरता रहने की उम्मीद – क्रिसिल
2020-21 में दूध का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है।
समाचार एजेंसी भाषा से साझा की गयी ख़बर के अनुसार चालू वित्त वर्ष में दूध की कीमतें स्थिर होने की पूरी संभावना है। एक रिपोर्ट में कहा गया है पानी की पर्याप्त उपलब्धता और अनुमानित सामान्य मानसून को देखते हुए दूध उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है।
साख निधार्रण एवं बाजार अध्ययन एजेंसी क्रिसिल ने एक रिपोर्ट में कहा कि अगले वित्त वर्ष 2020-21 में दूध का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि पिछले साल मानसूनी बारिश दीघार्वधि औसत से 10 प्रतिशत ज्यादा होने के कारण जलाशयों में इस बार 10 साल के औसत से 41 प्रतिशत ज्यादा पानी उपलब्ध है। पर्याप्त पानी की उपलब्धता और सामान्य मानसून की उम्मीद के कारण दूध का क्रय मूल्य और खुदरा भाव में फिलहाल वृद्धि होने की संभावना नहीं है। इसके अलावा, रबी बुवाई का रकबा 31 जनवरी, 2020 तक 10 प्रतिशत बढ़ गया है। इस साल फरवरी से पशुओं के लिए पयार्प्त चारा उपलब्ध है। इसका भी रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू सत्र में फसल उत्पादन में 12 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।
एक नज़र में ख़ास बिंदु दूध उत्पादन पर अनुकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है।
- वर्ष 2020-21 में दूध का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है।
- पर्याप्त पानी की उपलब्धता और सामान्य मानसून इसके कारक है।
- फरवरी से पशुओं के लिए पयार्प्त चारा भी उपलब्ध है।
- दूध उत्पादन पर इन सबका अनुकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है।
- साख निधार्रण एवं बाजार अध्ययन एजेंसी क्रिसिल ने अपने रिपोर्ट में ये कहा है।
- पिछले नौ महीनों में डेयरी कंपनियों का दूध का मूल्य 19 प्रतिशत बढ़ा।
गौरतलब है कि पिछले नौ महीनों में डेयरी कंपनियों का दूध का खरीद मूल्य 19 प्रतिशत बढ़ा जिससे दूध की कीमतें प्रति लीटर 4-5 रुपये बढ़ी हैं। रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है कि पिछले वर्ष तेज गर्मी और पानी की कमी से पिछले साल अप्रैल से दूध का उत्पादन घट रहा था। इसके बाद देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ आ गई, जिससे पशुओं का स्वास्थ्य प्रभावित हुआ। चरागाहों में जल जमाव से पशुओं को चराने में मुश्किलें हुईं। मक्का और गन्ने जैसी फसलों को वर्षा में क्षति पहुंचाने से चारे की उपलब्धता कम हुई। चालू वित्तीय वर्ष में दूध का उत्पादन सालाना आधार पर 5-6 प्रतिशत कम होकर 17.6 करोड़ टन रहने की उम्मीद है। आमतौर पर नवंबर-दिसंबर से दुधारू पशुओं में दूध बढ़ जाता है। मानसून के देरी से आने के कारण दूध बढ़ने का मौसम 1-2 महीने आगे खिसकने का अनुमान है। हालाँकि क्रिसिल ने एक रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2020-21 में दूध का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है जिससे कीमतें स्थिर होंगी।