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कोरोना के कारण एयरलाइन्स दिवालिया होने के कगार पर

40 प्रतिशत उड़ानों में कमी आई है।

कोरोना वायरस का खोफ पूरी दुनिया में फैला हुआ है। कोरोना वायरस ने महामारी का रूप ले लिया है। हजारों लोगों की कोरोना वायरस के कारण मौत हो चुकी है। लाखों लोग इसकी चपेट में आये हुए हैं। कोरोना वायरस के कारण कारोबार बंद होने के कगार पर है। आयत निर्यात पर रोक लगी है। शेयर बाजार में मंदी आई हुई है। अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ रहा है। कोरोना वायरस से हाहाकार मचा हुआ है।

कोरोना वायरस के कारण एयरलाइन्स पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है। विमानन कंपनियों के वश्विक संगठन सीएपीए ने सोमवार को बताया कि एयरलाइन्स दिवालिया होने के कगार पर हैं। कोरोना के कारण यात्री टिकटें कैंसिल करवा रहे हैं। कोरोना वायरस के कारण सरकार ने यात्रा रद्द की हैं। जिसका असर एयरलाइन्स पर बहुत गहरा पड़ा है। कुछ एयरलाइन्स कंपनियां तकनिकी रूप से या तो देवालिया हो चुकी है या फिर कर्ज की देनदारी के भुगतान करने में असमर्थ हो रही है।

एयरलाइन्स की 40 प्रतिशत उड़ान हुई कम 

कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर की एयरलाइन्स उड़ानों में कमी कर रही है। 40 प्रतिशत उड़ानों में कमी आई है। अमेरिका ने ब्रिटेन और आयरलैंड समेत पुरे यूरोप के लिए पर्यटक वीजा कैंसिल कर दिया है। भारत सरकार ने भी फिलहाल सभी पर्यटन वीजे कैंसिल कर दिए हैं। सीएपीए ने बताया की मई 2020 के अंत तक दुनिया भर की अधिकांस विमान कंपनिया दिवालिया हो जायेंगी।

सीएपीए ने बताया की विमानों का नकदी भंडारण खत्म हो रहा है। विमानों को बड़े से बाहर किया जा रहा है। यात्री यात्रा रद्द कर रहे हैं, टिकटें कैंसिल करवा रहे हैं। अगर जल्दी इस बिमारी का इलाज नहीं खोजा गया तो बहुत बुरी स्थिति उत्पन्न हो जायेगी। हालातों को देखते हुए अभी तक परिस्थिति का सामान्य होना दूर दूर तक नहीं दिख रहा है। सीएपीए ने कहा की यदि संगठित प्रयास नहीं किये गए तो आने वाले समय में संरक्षणवाद बढेगा और प्रतिस्पर्धा कम होगी।