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Airtel को मिली 100 प्रतिशत FDI की मंजूरी

विदेशी कंपनी बन सकती है Airtel

भारी देनदारियों एवं वित्तीय संकट से जूझ रही टेलिकॉम कंपनी Airtel को मिली बड़ी राहत| केंद्र सरकार ने मंगलवार को भारती एयरटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा को 49 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी करने को मंजूरी दे दी है| इस मंजूरी के बाद देश की सबसे पुरानी निजी दूरसंचार कंपनी एयरटेल बन सकती है विदेशी कंपनी|बता दें भारी देनदारी और वित्तीय घाटे के बीच सरकार से एफडीआई की मंजूरी मांगी थी|

देनदारी के दबाव में लिया ये निर्णय:

निजी टेलिकॉम कंपनी एयरटेल ने ये निर्णय वित्तीय देनदारियों के दबाव में लिया है|मंजूरी मिलने के बाद एयरटेल को अपने बकाया देने, नेटवर्क विस्तार और स्पेक्ट्रम नीलामी भुगतान के लिए विदेशी निवेशकों से रकम मिल सकेगी|बता दें कि जियो के आने बढ़ी व्यपारिक प्रतिस्पर्धा से पुरानी टेलिकॉम कंपनियां परेशान हैं|इस बीच सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार एजीआर पर हजारों करोड़ करोड़ की रकम सरकार को देने की बाध्यता की वजह से Airtel की समस्याओं में और भी इजाफ़ा हुआ था|ऐसे में भारतीय बाजार में अपना अस्तित्व बनाये रखने के लिए कंपनी को  विदेशी निवेश जैसे उपाय का सहारा लेना पड़ा|

Airtel ने चुकाये थे 35,586 करोड़:

एयरटेल ने हाल ही में बकाया एजीआर के रूप में सरकार को 35,586 करोड़ का भुगतान किया था| इसमें 21,682 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क और 13,904.01 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम बकाया था| इस भुगतान में टेलीनॉर और टाटा टेली के बकाये शामिल नही हैं| विदित हो कि निजी टेलिकॉम कंपनी टेलीनॉर का विलय Airtel में हुआ था| मंगलवार को शेयर बाजार को दी गयी जानकारी में एयरटेल ने बताया कि भारती एयरटेल लिमिटेड को टेलिकॉम डिपार्टमेंट से 20 जनवरी 2020 को विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाकर कंपनी की चुकता पूंजी के 100 प्रतिशत तक करने की मंजूरी मिल गई है। कंपनी इस निवेश राशि से अपने बकाये का भुगतान करेगी|

विदेशी कंपनी हो सकती है Airtel:

18 देशों में फैली देश की सबसे पुरानी निजी टेलीकॉम कंपनी एयरटेल विदेशी कंपनी बन सकती है|बता दें 100 फीसदी एफडीआई मंजूरी मिलने से भारती टेलिकॉम में विदेशी हिस्सेदारी बढ़कर 50 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी, जिससे यह एक विदेशी स्वामित्व वाली इकाई बन जाएगी। वर्तमान में सुनील भारती मित्तल और उनके परिवार की भारती टेलिकॉम में करीब 52 प्रतिशत हिस्सेदारी है। भारती टेलिकॉम की भारती एयरटेल में करीब 41 प्रतिशत हिस्सेदारी है। जबकि विदेशी निवेश 21.46 फीसदी है तथा Airtel में आम शेयरधारकों का हिस्सा 37 फीसदी है|