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कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट 943 रूपये हुआ कम

सोमवार को कच्चे तेल का 30 प्रतिशत तक दाम गिरा है।

आज अगर हम शेयर बाजार की बात करें तो शेयर बाजार का बहुत बुरा हाल चल रहा है। पिछले कई सालों का रिकॉर्ड निकाले तो अभी तक का सबसे निचला स्तर चल रहा है। शेयर बाजार उठने का नाम नहीं ले रहा है। इन सब के पीछे कोरोना वायरस मुख्य कारण है। कोरोना वायरस का कहर तो है ही, साथ ही खाड़ी के युद्ध से भी शेयर बाजार पर असर पड़ा है।

कोरोना के कारण बाजारों में मांग कम हो रही है। जिसके चलते दाम बढ़ रहे हैं। विदेशों में कच्चे तेल की मांग का रुख कम हुआ है। जिसके चलते सोमवार को कच्चे तेल का 30 प्रतिशत तक दाम गिरा है। फिलहाल कच्चे तेल का भाव 2,216 रूपये प्रति बैरल आ गया है। तेल का भाव बढ़ने का कारण ये भी है। तेल उत्पादक देशों के बीच उत्पादन को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। जिसके कारण कच्चे तेल के भाव में गिरावट आ रही है।

कच्चे तेल के उत्पादन में अप्रैल में होगी बढ़ोतरी

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में मार्च डिलीवरी के लिए कच्चे तेल की कीमत 943 रुपये या 29.85 प्रतिशत घटकर 2,216 रुपये प्रति बैरल रह गई। इस दौरान 33,703 लॉट के लिए सौदे हुए। इसी तरह अप्रैल डिलीवरी के लिए कच्चा तेल 899 रुपये या 28.03 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,308 रुपये प्रति बैरल के भाव पर आ गया। इसमें 3,711 लॉट के लिए सौदे हुए।

सोमवार को सऊदी अरब ने अप्रैल डिलीवरी के लिए कच्चे तेल की कीमत को कम करने का ऐलान किया है। तेल की कीमतों में एशिया के लिए 4-6 डॉलर प्रति बैरल और अमेरिका के लिए 7 डॉलर प्रति बैरल की कमी की गई है। सऊदी अरब की योजना है कि अप्रैल में कच्चे तेल के उत्पादन में बढोतरी जाए।