कच्चे तेल में दर्ज हुई दशक की सबसे बड़ी गिरावट
2008 के वश्विक आर्थिक संकट के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है।
कच्चा तेल पिछले कई सप्ताह से निचे चल रहा था। आज के बाजार में कच्चे तेल ने 4 प्रतिशत की बढ़त बनायी है। इसके बाद भी ये एक दशक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। कच्चे तेल के भाव में कई दिनों से काफी उठा पटक चल रही है। कोरोना वायरस के कारण कच्चे तेल पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ा है।
आज के शुरूआती करोबार में कच्चे तेल में मतलब ब्रेंट क्रूड और वेस्ट टेक्सास दोनों में 2 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली। लेकिन एशियाई बाजारों में दोनों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। वेस्ट टेक्सास 33 डॉलर प्रति बैरल हो गया है और ब्रेंट क्रूड 34.50 डॉलर प्रति बैरल पर पहुँच गया है।
सऊदी अरब और रूस के विवाद से दाम हुए कम
शेयर बाजारों में उस वक़्त तेजी आई थी जिस वक़्त अमेरिकी सेना ने ईराक पर हवाई हमले किये थे। इस से कच्चे तेल को मजबूती मिली थी। शेयर बाजार में काफी उछल देखने को मिला था। लेकिन फिलहाल कच्चे तेल में काफी गिरावट देखने को मिल रही है। ये गिरावट 2008 के वश्विक आर्थिक संकट के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है।
ब्लूमबर्ग की खबर के अनुसार ब्रेंट क्रूड में सप्ताह के दौरान 25 प्रतिशत की गिरवटी रही है। कच्चे तेल को लेकर सऊदी अरब और रूस के भी विवाद शुरू हो गया था। इस विवाद के कारण सऊदी अरब ने जानबूझ कर कच्चे तेल के दाम गिरना शुरू कर दिया था। संयुक्त अरब अमीरात ने भी सऊदी अरब का साथ देते हुए उत्पादन व् आपूर्ति बढ़ने का घोषणा कर दी। ऐसा करने से कच्चे तेल की कीमतों में 30 प्रतिशत की गिरावट आई है।