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सरकार ने दवाओं और औषधि सामग्रियों के निर्यात पर लगाईं रोक

एपीआई का हर साल आयत लगभग 3.5 डॉलर का होता है।

कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है। कोरोना वायरस के चलते बहुत से कारोबार बंद हो गए हैं। कोरोना वायरस का असर हर उद्योग पर पड़ा है। कोरोना वायरस का असर अब दावा उद्योग पर भी पड़ने लगा है। सरकार ने कोरोना वायरस के प्रकोप से 26 किस्म की दवाओं की सामग्री और पैरासिटामोल,विटामिन बी1 और विटामिन बी12 सहित बहुत सी दवाओं के निर्यात पे रोक लगा दी है।

सरकार के ऐसा करने से दवाओं की कमी होने की सम्भावना है। लेकिन अब जो सक्रीय दावा सामग्री और फार्मुलेशन के निर्यात के लिए वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय से लाइसेंस लेने की आवशकयता है। अभी तक इन सभी दवाओं की औषधि सामग्री (एपीआई) पर कोई रोक नहीं थी। इन दवाओं पर रोक कब तक रहेगी कुछ कहा नहीं जा सकता है।

एपीआई का आयात होता है हर साल 2.5 अरब डॉलर का 

दवाओं की औषधि सामग्री पर रोक लगाने का कारण कोरोना वायरस है। कोरोना वायरस की वजह से दुनिया में चिंता का सबब बना हुआ है। एपीआई बहुत सारी दवाओं को बनाने के काम में आता है। कोरोनो वायरस के कारण ही इन औषधि सामग्री पर सरकार ने रोक लगाईं है। क्यूंकि भारत एपीआई का बहुत ज्यादा मात्रा में चीन से आयात करता है। लेकिन कुछ मात्रा में निर्यात भी करता है। कोरोना वायरस के डर से भारत ने एपीआई के निर्यात पर रोक लगा दी है। गए साल 22.50 करोड़ डॉलर का निर्यात हुआ था।

अगर हम एपीआई  के सालाना आयत की बात करें तो, एपीआई का हर साल आयत लगभग 3.5 डॉलर का होता है। अकेले चीन से 2.5 अरब डॉलर का आयात होता है। कोरोना वायरस का प्रकोप इतना फ़ैल गया है। कोरोना वायरस से अब तक 3,000 मौत हो चुकी हैं। दवाओं पर जो रोक लगी है उन दवाओं में एंटीबायोटिक्स और विटामिन शम्मिल हैं।