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GST: व्यापारियों को सरकार ने दिया बड़ा तोहफा, GST छूट का दायरा हुआ दोगुना

वित्त मंत्रालय ने कारोबारियों को वस्तु एवं सेवा कर यानी GST पर छूट का दायरा बढ़ाकर अब दोगुना कर दिया है।

केंद्र की मोदी सरकार ने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की पहली पुण्यतिथि के मौके पर कारोबारियों को बड़ा तोहफा दिया है। बता दें, वित्त मंत्रालय ने कारोबारियों को वस्तु एवं सेवा कर यानी GST पर बड़ी राहत दी है। दरअसल, सरकार ने करोबारियों की दी जाने वाली GST छूट का दायरा बढ़ाकर अब दोगुना कर दिया है। सरकार के इस फैसले से अब 40 लाख सलाना कमाई करने वाले कारोबारियों को GST से छूट मिलेगी। वहीं, पहले इसकी सीमा 20 लाख रुपए तक सीमित थी।

1.5 करोड़ टर्नओवर करने वालों को भी मिलेगा फायदा

सरकार ने अपने इस कदम के जरिए छोटे, मध्यम और हर वर्ग के कारोबारियों को राहत देने की कोशिश की है। इसी उद्देश्य के तहत सरकार ने उन करोबारियों को भी छूट दी है, जिनका सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपए तक है। ऐसे कारोबारी कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं, जिससे उन्हें केवल एक फीसदी की दर से ही टैक्स देना पड़ेगा।

वित्त मंत्रालय ने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की पहली पुण्यतिथि के खास मौके पर यह भी जानकारी दी है कि अब सब मानने लगे हैं कि GST उपभोक्ताओं और करदाताओं दोनों के अनुकूल है।

GST लागू होने के बाद दोगुना हुआ Taxpayer Base

वित्त मंत्रालय के मुताबिक, GST लागू होने के बाद Taxpayer Base दोगुना हो गया है। जब जीएसटी लागू हुआ था, तब एसेसीज की संख्या करीब 65 लाख थी, जो अब बढ़कर 1.24 करोड़ से ज्यादा हो गई है। साथ ही GST में सभी प्रक्रियाएं पूरी तरह से स्वचालित हो गई हैं।

वित्त मंत्रालय के मुताबिक लोग जिस दर पर टैक्स चुकाते थे, GST के जरिए उसमें कमी आई है। Revenue Neutral Rate Committee के तहत जहां RNR 15.3 फीसदी है। वहीं RBI के अनुसार अभी GST का वैटेज रेट सिर्फ 11.6 फीसदी है।

जानें क्या है GST..

GST यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स। जिसको हिंदी में कहते हैं वस्तु एवं सेवा कर मतलब सामान और सर्विस पर लगने वाला टैक्स। सामान यानी कार, टीवी, ब्रेड, कपड़े आदि। सर्विस जैसे मोबाइल नेटवर्क, बैंकिंग, हवाई यात्रा, फिल्मों आदि। देश में GST एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था। जिसमें 17 तरह के स्थानिय टैक्स को समाहित क‍िया गया था मतलब 17 के बराबर एक GST।

GST से पहले देने पड़ते थे इतने टैक्स

सर्विस टैक्स, सेंट्रल एक्साइज टैक्स, एडिशनल एक्साइज ड्यूटी, सेनवैट, एडिशनल कस्टम्स ड्यूटी, काउंटरवेलिंग ड्यूटी, सेंट्रल सरचार्ज, स्टेट वैट, स्टेट सेल्स टैक्स, एंटरटेनमेंट टैक्स, लक्जरी टैक्स, लॉटरी पर टैक्स, स्टेट सेस, ऑक्ट्रोई, एजुकेशन सेस इत्यादि।