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कच्चे तेल के उत्पाद में कर सकता है कटौती ओपेक

2020 में चीन से कच्चे तेल का उत्पादन बिलकुल न के बराबर ही रहेगा।

कोरोना वायरस के चलते शेयर बाजारों में काफी उठा पटक देखने को मिल रही है। कोरोना के असर से हर क्षेत्र पर काफी ज्यादा असर पड़ा है। वायदा बाजारों में काफी उतार चढ़ाव हो रहे है। पिछले दिनों वायदा बाजार में कमी से कच्चे तेल में कमी देखने को मिली थी। लेकिन गुरुवार को कच्चे तेल ने अच्छी खासी बढ़त बनायी है। आज कच्चे तेल में 2 प्रतिशत उया यूं कह लीजिये 91 सेंट बढ़ कर 52.77 डॉलर पार्टी बैरल हो गया है।

कच्चे तेल की कीमत ने अच्छी वृद्धि की है। अमेरिकी पश्चिम टेक्सास इंटरमिडिएट 2.2 प्रतिशत की बढ़त के साथ 48.21 डॉलर प्रति बैरल तक पहुँच गया है। वहीँ एमसीएक्स पर कच्चे तेल ने 8 रूपये की कमी दर्ज कराई है। 8 रूपये की कमी के साथ 3,499 रूपये पर कारोबार किया।

कोरोना वायरस से कच्चे तेल के दाम गिरे 25 प्रतिशत तक 

उत्पादक अगर कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करते हैं तो कच्चे तेल की कीमतों में सुधार होने की गुंजाइश है। अगर जनवरी महीने की बात करें तो कच्चे तेल में करीब 25 प्रतिशत की कमी आई है। ओपेक देशों की आज वियान में दो दिन की बैठक है। सऊदी अरब और अन्य ओपेक सदस्य चाहते है कच्चे तेल के उत्पादन में कमी की जाए। ये सभी मिल कर रूस देश को राजी करने में लगे हुए हैं।

विशेषज्ञों का कहना है की अप्रैल तक कच्चे तेल में 45 डॉलर तक कमी आने के आसार हैं। अप्रैल के बाद कच्चे तेल में तेजी आने की सम्भावना है। विशेषज्ञों का मानना है के साल खत्म होते होते कच्चे तेल में 60 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी हो सकती है।
एक और विशेषज्ञ का कहना है के दूसरी तेमाही तक कच्चे तेल की कीमत 55 डॉलर प्रति बैरल रहने का अनुमान है। विशेष सलाहकार मार्गन स्टेनली ने उम्मीद जताई है कि 2020 में चीन से कच्चे तेल का उत्पादन बिलकुल न के बराबर ही रहेगा। ये सब कोरोना वायरस के कारण हो रहा है।