फिर से पेश होगा कीटनाशक प्रबंधन विधेयक 2020, कैबिनेट ने दी मंजूरी
2008 में कीटनाशक प्रबंधन विधेयक आया था लेकिन वह संसद से पारित नहीं हो सका था
कृषकों की भलाई और सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार ने एक और सख्त कदम उठाने की ओर है| केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कीटनाशक प्रबंधन विधेयक 2020 (Pesticide Management Bill, 2020) के मसौदे को कल बुधवार के कैबिनेट मीटिंग मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें कीटनाशक का सुरक्षित एवं प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है|
2008 में नहीं हो सका था पारित
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई| सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बैठक के बाद संवाददातओं को बताया कि 2008 में कीटनाशक प्रबंधन विधेयक आया था लेकिन वह संसद से पारित नहीं हो सका था| उस विधेयक को वापस लेकर और स्थायी समिति की सिफारिशों एवं अन्य सुझावों पर विचार करने के बाद नये रूप में कीटनाशक प्रबंधन विधेयक 2020 लाने जा रहे हैं| उन्होंने कहा कि इसे संसद में पेश किया जाएगा|
जुर्माने और सजा का है प्रावधान
जावड़ेकर ने कहा कि यह मोदी सरकार की किसानों के कल्याण के लिए की गई एक और पहल है| इसका उद्देश्य किसानों को सुरक्षित एवं प्रभावी कीटनाशक उपलब्ध कराना है जो फसलों की दृष्टि से सुरक्षित एवं प्रभावी हो| साथ ही प्रस्तावित विधेयक में किसानों को नकली और अनधिकृत कीटनाशक से बचाने के उपाय किए गए हैं| विधेयक के मुताबिक अगर कोई मिलावटी कीटनाशक और बिना पंजीकरण वाला कीटनाशक बेचता है तब उस पर जुर्माना लगाया जा सकेगा और साथ ही आपराधिक मामला भी चलाया जा सकता है|
मुआवजे की भी है व्यवस्था
इस विधेयक में सबसे बड़ी बात यह है कि गलत कीटनाशक के कारण खेती का या व्यक्ति को कोई नुकसान होता है, तब इसमें मुआवजे की भी व्यवस्था की गई है| जावड़ेकर ने कहा कि कीटनाशकों का विज्ञापन कैसे किय जाए, इस संबंध में मानक बनाने की भी विधेयक में प्रावधान किया गया है|
पीटीआई की रिपोर्ट में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किटनाशक के बारे में किसानों को सभी प्रकार की जानकारी मिले जिसमें उसके उपयोग, उससे जुड़े खतरे आदि के बारे में इस विधेयक में प्रावधान किया गया है| उन्होंने कहा कि इसमें आर्गेनिक कीटनाशक के उपयोग को प्रोत्साहित करने की बात भी कही गई है|