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Tata Sons से टूटा Shapoorji Pallonji Group का 70 साल पुराना रिश्ता, यह विवाद बना बड़ी वजह

Tata Sons में सबसे बड़ी सबसे बड़ी हिस्सेदारी रखने वाला Shapoorji Pallonji Group ने अब उससे अलग होने जा रहा है। इसकी घोषणा खुद Shapoorji Pallonji Group ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष की है।

Tata Sons में सबसे बड़ी सबसे बड़ी हिस्सेदारी रखने वाला Shapoorji Pallonji Group ने अब उससे अलग होने जा रहा है। इसकी घोषणा खुद Shapoorji Pallonji Group ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष की है। यह दोनों समूह पिछले 70 सालों से टाटा के साथ हैं। लेकिन, पिछले कुछ सालों में दोनों के रिश्ते में आए मतभेद के चलते दोनों अब अलग हो रहे हैं। बता दें, Shapoorji Pallonji Group साइरस मिस्त्री के परिवार का समूह है।

Tata Sons से अलग होने की घोषणा करते हुए Shapoorji Pallonji Group ने अपने आधिकारिक बतान में कहा, “हमारा और टाटा का रिश्ता 70 साल पुराना है। यह आपसी विश्वास और दोस्ती पर बना था। लेकिन, अब टाटा समूह से अलग होना जरूरी हो गया है क्योंकि इस चली आ रही मुकदमेबाजी से आजीविका और अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है। मिस्त्री परिवार यह मानता है कि सभी स्टेकहोल्डर समहों के लिए Shapoorji Pallonji Group और Tata Sons का अलग होना ही बेहतर होगा।”

2016 से रिश्तों में आए मतभेद

Tata Sons में Shapoorji Pallonji Group की दो इन्वेस्टमेंट फर्म्स के जरिए 18.37 फीसदी हिस्सेदारी है। वहीं, इन दोनों ग्रुपों में आपसी मतभेद अक्टूबर 2016 में तब आए थे, जब Tata Sons ने साइरस मिस्त्री को टाटा के चेयरमैन मद से हटा दिया गया था। उसके बाद से टाटा ग्रुप और साइरस मिस्त्री के बीच दिसंबर 2016 से ही कानूनी लड़ाई चल रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई शेयर बेचने पर रोक

Shapoorji Pallonji Group अब Tata Sons की हिस्सेदारी वाले अपने शेयर बेचकर फंड जुटाना चाहता है। हालांकि, Shapoorji Pallonji Group के हिस्सेदारी गिरवी रखने पर रोक लगाने के लिए टाटा ग्रुप ने 5 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वहीं, कोर्ट ने मंगलवार को ही Shapoorji Pallonji Group के Tata Sons के शेयर बेचने पर 28 अक्टूबर तक की रोक लगा दी है।