ट्रिपल एडवांटेज फंड एक्सिस का 5 साल का रिपोर्ट कार्ड
इक्विटी में अपेक्षाकृत ज्यादा निवेश और गोल्ड व डेट में ठीकठाक
बाजार से हमेशा अनिश्चितता जुड़ी होती है. इसकी चाल का पता लगाना तो वैसे ही मुश्किल है। अब यह और कठिन हो गया है। अनहोनी घटनाओं का भी इस पर खासा असर होता है। इसका ताजा उदाहरण कोरोना वायरस है। इस बात को ध्यान में रखते हुए पोर्टफोलियो में एक से अधिक एसेट क्लास को रखना अच्छा होता है। इससे निवेशक के लंबी अवधि के उद्देश्य हल होते हैं।
ऐसी स्थिति में निवेशक एक से अधिक एसेट में निवेश करने वाली स्कीम में पैसा लगा सकते हैं। इनका निवेश इक्विटी, डेट और कमोडिटी सभी तरह के एसेट क्लास में होता है। यह बैलेंस्ड प्लानों के मुकाबले ज्यादा डायवर्सिफिकेशन देता है। ऐसी ही स्कीमों में एक है एक्सिस ट्रिपल एडवांटेज. यह स्कीम इक्विटी, डेट और गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश करती है।
डेट और गोल्ड काफी हद तक स्थिरता मुहैया कराते हैं
बाजार की मौजूदा स्थितियों में डेट और गोल्ड काफी हद तक पोर्टफोलियो को स्थिरता मुहैया कराते हैं। वहीं, इक्विटी कंपोनेंट निवेश को बढ़ाने में मददगार होता है। स्कीम अपने कुल पोर्टफोलियो का 65-75 फीसदी इक्विटी (मुख्य रूप से मध्यम और छोटी आकार की कंपनियों) में निवेश करती है। वहीं, डेट और गोल्ड में 10-15 फीसदी निवेश किया जाता है।
इक्विटी में अपेक्षाकृत ज्यादा निवेश और गोल्ड व डेट में ठीकठाक आवंटन यह सुनिश्चित करता है कि बाजार के सभी साइकिलों में स्कीम से स्थिर रिटर्न मिलेंगे।
पिछले एक साल, तीन साल और पांच साल की अवधि में स्कीम ने क्रमश: 21.5 फीसदी, 10.6 फीसदी और 7.65 फीसदी रिटर्न दिया है। इसी अवधि में इसके साथ की स्कीमों का औसत रिटर्न 13.1 फीसदी, 11 फीसदी और 7 फीसदी रहा है।
क्या है जानकारों की सलाह
क्रीडो कैपिटल में सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर शंकर एस कहते हैं कि इक्विटी, बॉन्ड और गोल्ड तीनों प्रमुख फाइनेंशियल एसेट में मिलाजुलाकर निवेश करने से स्कीम को स्थिर रिटर्न पाने में मदद मिली है। इस स्कीम की शुरुआत 2010 में हुई थी। इसने हर एक साल में 8.79 फीसदी रिटर्न दिया है। पिछले एक साल में इसने शानदार 21 फीसदी रिटर्न दिया। इसकी एक बड़ी वजह मध्यम आकार की कंपनियों में ज्यादा निवेश और गोल्ड में ठीकठाक आवंटन रहा।