Arthgyani
होम > न्यूज > बिजली कंपनियों की गलती पर यूपी ग्राहकों को मिलेगा मुआवजा

बिजली कंपनियों की गलती पर यूपी ग्राहकों को मिलेगा मुआवजा

बिजली कंपनियों की गलती, ग्राहकों को मुआवजा

अगर आप उत्तर प्रदेश में रहते हैं और बिजली वितरण कंपनियों की मनमानी से परेशान हैं तो अब आपके लिए राहत की खबर है। यूपी की योगी सरकार ने बिजली से संबंधित काम में देरी होने पर ग्राहकों को हर्जाना देने का प्रावधान किया है। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा ‘स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन 2019’ की अधिसूचना जारी करते ही यह कानून उत्तर प्रदेश में तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

अब नहीं काटने पड़ेंगे बिजली विभाग के चक्कर

आपको बिजली का नया कनेक्शन लेना हो, ट्रांसफार्मर बदलवाना हो या फॉल्ट ठीक कराना हो, बिजली उपभोक्ताओं को विभाग के बार-बार चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। यूपी सरकार ने हर काम के लिए समय सीमा तय कर दिया है। बिजली कंपनियां यदि समय से ग्राहकों को सेवा नहीं देंगी तो उन्हें उपभोक्ताओं को मुआवजा देना पड़ेगा।

उप्र विद्युत नियामक आयोग ने केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग के आदेश पर 16 दिसंबर को स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन-2019 जारी किया था। आयोग के अध्यक्ष आर पी सिंह ने नए कानून की अधिसूचना जारी करने के लिए ब्योरा राज्य सरकार को भेजा। इस कानून में स्पष्ट आदेश हैं कि मुआवजे की रकम को उपभोक्ताओं की बिजली दरों या एआरआर में शामिल नहीं किया जाएगा। बिजली उपभोक्ताओं के लिए अलग से मुआवजा कानून लागू करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य बन गया है।

मुआवजा देने की समय-सीमा 60 दिन

स्टैंडर्ड आफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन-2019 के तहत विद्युत् ग्राहकों को मुआवजा देने के लिए अधिकतम 60 दिन मिलेंगे। बिजली ग्राहकों को एक वित्त वर्ष में उनके फिक्स चार्ज या डिमांड चार्ज के 30 प्रतिशत से अधिक मुआवजा नहीं दिया जा सकता।

मुआवजे के लिए बिजली ग्राहकों को क्षेत्रीय अधिशासी अभियंता को आवेदन देना होगा. उपभोक्ताओं की शिकायतों की पुष्टि उनके स्मार्ट मीटर में दर्ज आंकड़ों से भी की जा सकती है।

उत्तर प्रदेश सरकार के इस कानून का लाभ लगभग 2.87 करोड़ विद्युत् ग्राहकों को मिलेगा। यह कानून सख्ती से लागू कराने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है।