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‘Depreciation’ यानी ‘मूल्यह्रास’ क्या है? जानें कैसे मिलती है इससे Tax में छूट..

किसी Assets यानी संपत्त‍ि के मूल्य में होने वाली स्थायी कमी को 'मूल्यह्रास' या 'Depreciation' कहते हैं।

किसी Assets यानी संपत्त‍ि के मूल्य में होने वाली स्थायी कमी को ‘मूल्यह्रास’ या ‘Depreciation’ कहते हैं। वैसे Assets में ‘मूल्यह्रास’ कई कारणों से होता है। जैसे- टूट-फूट, समय का व्यतीत होना, अप्रचलन, दुर्घटना आदि। हालांकि, सामान्य शब्दों में कहें तो ‘Depreciation’ किसी Assets के मूल्य में कमी होने को कहा जाता है। वहीं, लेखांकन के नजरिए से देखें तो ‘मूल्यह्रास’ का अर्थ किसी संपत्त‍ि के पुस्तकीय मूल्य में कमी से है।

‘Depreciation’ को आधार मानकर किसी बिजनेस में टैक्स और लेखांकन (Accounting) उद्देश्यों की पूर्ती के लिए लंबी अवधी वाली Assets के मूल्य को कम किया जाता है। टैक्स को कम करने के उद्देश्य के लिए कंपनियां अपने व्यावसायिक खर्चों के रूप में खरीदी गईं वास्तविक Assets की लागत को घटा सकती हैं। हालांकि, कंपनियां कितना और कब ‘Depreciation’ करेंगी। यह आयकर नियमों में निर्धारित किया गया है।

ऐसे समझिए ‘Depreciation’ यानी ‘मूल्यह्रास’ की उपयोगिता

किसी बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको एक मशीन यानी Assets की जरूरत पड़ेगी। हालांकि, मशीन यानी Assets पुरानी होने पर उसकी कीमत कम हो जाती है। वहीं, जब मशीन पूरी तरह से काम करना बंद कर देती है, तो बिजनेसमैन को उसके स्थान पर नई मशीन खरीदनी पड़ती है। नई मशीन को खरीदने में बिजनेसमैन का काफी पैसा खर्च हो जाता है और उसको Income Tax कोई छूट भी नहीं मिलती।

‘Depreciation’ ऐसे है एक बिजनेसमैन के ल‍िए मददगार

ऐसी स्थ‍िती में सरकार बिजनेस करने वाले को मदद करने के लिए ‘Depreciation’ छूट प्रदान करती है। जिसका सीधा अर्थ ये है कि बिजनेसमैन को पुरानी मशीन यानी Assets में हर साल एक तय दर के मुताबिक Income Tax से छूट ले सकता है। सरकार की तरफ से अलग-अलग Assets के लिए आयकर नियमों के मुताबिक अलग-अलग Tax से छूट की दरें तय की गईं हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ‘Depreciation’ की छूट किसी भी Assets की लागत पर आधारित होती है।

जैसे- बिजनेसमैन ने 1 लाख की कोई मशीन यानी Assets खरीदी और उस पर ‘Depreciation’ की दर 15 फीसदी है। इसके मुताबिक आप एक वित्त‍िय वर्ष में 15000 रुपए की छूट ले सकते हैं।