एमपीडा के पहले अत्याधुनिक माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला का आगाज़
इसका उद्घाटन केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने किया।
भारत के समुद्री खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (Marine Products Export Dev. Authority -MPEDA) ने कल रविवार 9 फ़रवरी को अपना पहला अत्याधुनिक माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला स्थापित किया। इसका उद्घाटन केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने किया।
गुणवत्ता है प्राथमिक उदेश्य
समाचार एजेंसी से प्राप्त ख़बरों के अनुसार एमपीडा के अध्यक्ष के. एस. श्रीनिवास ने कहा कि समुद्री खाद्य में किसी भी जीवाणु की उपस्थिति से बचने के लिए उत्पादन और निर्यात से पहले विभिन्न चरणों में सभी प्रकार के समुद्री खाद्य पदार्थों का परीक्षण करने के लिए इस प्रयोगशाला का उपयोग किया जाएगा, साथ ही यह लैब सुनिश्चित करेगा कि निर्यातकों को किसी भी देश द्वारा उप-मानक गुणवत्ता के आधार पर उत्पादों को अस्वीकृति का सामना नहीं करना पड़े।
प्रयोगशाला की आवश्यकता अपेक्षित
ऐसे समय में जब संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ और अन्य प्रमुख समुद्री खाद्य आयातक देश लोगों के स्वास्थ्य के हित को ध्यान में रखते हुए नियमित रूप से अपने गुणवत्ता मानदंडों को कड़ा बना रहे हैं, भारत के लिए निर्यात प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए अपने उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाएं रखना बेहद ज़रूरी हो जाता है और इसके लिए प्रयोगशाला की आवश्यकता अपेक्षित है। श्री रामेश्वर तेली ने कहा कि एमपीडा मुख्यालय में इस नयी माइक्रोबायोलॉजी लैब की स्थापना होने से समुद्री खाद्य क्षेत्र को वैश्विक निर्यात बाजार में गुणवत्ता के मोर्चे पर कड़ी प्रतिस्पर्धा से उबरने में मदद मिलेगी।
भारत के समुद्री खाद्य उत्पादकों के लिए जरूरी हो गया कि वे इस प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए अपने उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाएं। श्री तेली ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के तहत आने वाले असम और अन्य जगहों के चाय उत्पादकों सहित अन्य सभी क्षेत्रों में गुणवत्ता और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इस तरह की प्रयोगशाला को बढ़ावा दिये जाने की उम्मीद जाहिर की।