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जानीये क्या है स्टार्ट अप कम्पनी?

स्टार्ट अप कंपनियां तकनीकी आधारित होती हैं

स्टार्ट अप कम्पनी का नाम आपने कई बार सुना होगा|मोदी सरकार कई बार स्टार्ट अप कम्पनियों के लिये बड़े ऐलान कर चुकी है|आपको याद होगा सरकार ने स्टार्ट अप इंडिया के नाम से एक योजना भी शुरू की थी |इस योजना का मकसद था नये उद्मियों को तैयार करना जिससे नये रोजगार सृजित हों|सरकार ने इस योजना के तहत युवाओं को  ऋण देने का प्रावधान भी रखा था| भारत में स्‍टार्टअप की संख्‍या जिस तेजी के साथ बढ़ रही है उसको देखते हुए आने वाले 10 सालों में इनकी संख्‍या बढ़कर 1 लाख के करीब हो जाएगी।

स्टार्ट अप कम्पनी क्या है?

स्टार्टअप का अर्थ होता है एक नई कंपनी|जिसको शुरू करने के बाद क्रमशः उसका विस्तार किया जाता है।और भी साधारण शब्दों में कहें तो स्टार्टअप का अर्थ होता है नयी कंपनी को शुरू करना|ऐसी कम्पनियों को युवा उद्यमी स्वयं या दो तीन लोगों के साथ मिलकर शुरू करते है। शुरू करने वाला व्यक्ति ही कम्पनी में शुरुआती  पूंजी लगाने के साथ कंपनी का संचालन भी करता है।ये कंपनी अपेक्षाकृत नये  प्रोडक्ट्स या सेवाओं पर कार्य करती है, ऐसी सेवाएँ जो उस समय  बाजार  में उपलब्ध नहीं होती है।

 भारत सरकार द्वारा स्टार्ट अप कम्पनी कि परिभाषा:

भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन (डीआईपीपी) के अनुसार-

‘‘स्टार्ट अप कंपनी वह कंपनी है जो भारत वर्ष में गत पांच वर्षों के अंदर रजिस्टर हुई है और जिसका टर्न ओवर 25 करोड़ से अधिक किसी भी वित्त वर्ष में अभी तक नहीं हुआ हो। यह कंपनी इनोवेशन, डेवलपमेंट, डिप्लॉयमेंट, नए प्रोडक्ट्स का कमर्षिलाइजेशन, टेक्नॉलॉजी ड्रिवन प्रोसेसेज या सर्विसेज, अथवा इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टीज की दिशा में कार्य कर रही हो, ऐसी अपेक्षा की जाती है। ’’

ये स्टार्टअप कंपनियाँ या तो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में रजिस्टर हुई हों (कंपनीज ऐक्ट 2013 के तहत) अथवा ये एक रजिस्टर्ड पार्टनरशिप फर्म हों (इंडियन पार्टनरशिप ऐक्ट 1932 के तहत), अथवा एक लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप हों ( पार्टनरशिप एक्ट 2008 के तहत)।

स्टार्ट अप कम्पनी की कार्यप्रणाली:

स्टार्ट अप कंपनियां तकनीकी आधारित होती हैं|ये कम्पनियां ऑनलाइन व्यवसाय पर आधारित होती हैं|OLA कैब जो कुछ साल पुरानी स्टार्टअप कंपनी है जो  आज छोटे-बड़े शहरों में कैब की सुविधा प्रदान कर रही है|इसने अब तक करीब 200,000 ड्राइवरों को रोजगार दिया है।paytm, Amazon, Flipkart, Uber भी  स्टार्टअप कंपनी थी जो आज मिलियन डॉलर की कंपनी के रूप में स्थापित हो चुकी है। स्टार्ट अप कम्पनी  सूचना तकनीक के माध्यम से देश में रोजगार सृजन एवं आर्थिक विकास में सहयोग देती हैं।आमतौर पर  स्टार्टअप को केवल मोबाइल और लैपटॉप से जोड़कर ही देखा जाता है और इसे इसी से संबंधित माना जाता है।

स्टार्ट अप कम्पनियों को सरकार का प्रोत्साहन: स्टार्ट अप को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार निम्न सुविधाएँ देती है|

  • स्टार्टअप के लिए सेल्फ सर्टिफिकेशन आधारित कंप्लायंस होगा।
  • पेटेंट एप्लीकेशन फीस में 80 पर्सेंट की छूट देगी सरकार।
  • सरकार देशभर में 35 नए *इन्क्यूबेशन सेंटर खोलेगी।(इन्क्यूबेटर एक ऐसा स्थान होता है जो नए, छोटे बिजनेस के लिए कम किराए पर सपोर्ट स्टाफ एवं उपकरणों के साथ उपलब्ध कराया जाता है।)
  • 3 साल तक स्टार्टअप का काई इंस्पेक्शन नहीं किया जाएगा।
  • शेयर मार्केट वैल्यू से ऊपर के इन्वेस्टमेंट पर टैक्स में छूट देगी सरकार।
  • प्रॉफिट होने पर भी 3 साल तक स्टार्टअप्स को इनकम टैक्स में छूट मिलेगी।
  • देश के प्रमुख शहरों में पेटेंट के लिए कंसल्टेशन की फ्री व्यवस्था की जाएगी। सार्वजनिक और सरकारी खरीद में स्टार्टअप को छूट मिलेगी।
  • स्टार्टअप के लिए फास्ट एक्जिट पॉलिसी बनाई जाएगी। इनोवेशन पर स्टार्टअप को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करेगी सरकार।
  • अपनी प्रॉपर्टी बेचकर स्टार्टअप में इन्वेस्ट करने वाले को कैपिटल गेन टैक्स की छूट मिलेगी।
  • 10 हजार करोड़ रुपए का फंड बनाया जाएगा, जिसमें से प्रत्येक साल 2500 करोड़ रुपए का फंड स्टार्टअप्स को मिलेगा। स्टार्टअप के लिए चार साल तक 500 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष का क्रेडिट गारंटी फंड सरकार बनाएगी।
  • इसके अलावा स्टार्टअप इंडिया हब सिंगल प्वाइंट ऑफ कॉन्टैक्ट बनेगा और हैंड होल्डिंग का भी इंतजाम सरकार के द्वारा की जाएगी। स्टार्टअप्स के लिए ऑनलाइन पोर्टल लांच करने के साथ ही मोबाइल ऐप के जरिए छोटा ई-फॉर्म पेश किया जाएगा, जिसमें रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था होगी। इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट को प्रोटेक्शन दिया जाएगा। इसके लिए रजिस्ट्रेशन के लिए आईपीआर लाने जा रहे हैं। अटल इनोवेशन मिशन (AIM) की शुरुआत। इसके तहत स्टार्टअप को कंपटेटिव बनाना होगा। इसके तहत आंन्त्रप्रेन्योर के नेटवर्क को बनाया जाएगा। स्टार्टअप को सीड कैपिटल देने के साथ कई अन्य सुविधाएं देना भी सरकार की प्राथमिकताओं में है।

स्टार्टअप कम्पनी पंजीकरण शुरू करने के लिए कैसे करें आवेदन?

कोई भी स्टार्टअप इंडिया पोर्टल पर जाकर और आवेदन पत्र भरकर और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करके, भारत में स्टार्टअप पंजीकरण करने के लिए आवेदन भर सकता है, जिसे स्टार्टअप के लिए पहचान प्रमाणपत्र कहा जाता है। भारत में स्टार्टअप कंपनियों पंजीकरण के लिए निम्नलिखित विवरण देने होते हैं|

  • कम्पनी या ऑर्गनाइज़ेशन का विवरण: यहां आपको अपनी कम्पनी के प्रकार (कंपनी, एलएलपी, साझेदारी), उद्योग, क्षेत्र, श्रेणी, निगमन या पंजीकरण संख्या और तिथि, कंपनी,का नाम और पैन विवरण डालना होगा।
  • अधिकृत प्रतिनिधि विवरण: इसमें अधिकृत व्यक्ति के नाम, पदनाम और संपर्क विवरण शामिल होंगे।
  • निदेशक (S)/साथी (S) विवरण: इनमें उनका नाम, लिंग, पता और संपर्क विवरण शामिल हैं।
  • अतिरिक्त जानकारी: आपको कुछ अतिरिक्त विवरण प्रदान करने की आवश्यकता है जैसे कि कर्मचारियों की संख्या, उत्पाद / व्यवस्था के विकास का स्तर, बौद्धिक संपदा अधिकार अनुप्रयोगों का विवरण इत्यादि।
  • कर लाभ: ये 1 अप्रैल 2016 और 31 मार्च 201 9 के बीच गठित/ गठित होने जा रहे व्यवसायों के लिए उपलब्ध हैं।
  • स्व-प्रमाणन: यहां आपको अपनी कंपनी निगमन प्रमाण पत्र अपलोड करने की आवश्यकता है, जो आपको एमसीए द्वारा जारी किया गया है। यह फ़ाइल जेपीजी, पीएनजी या पीडीएफ प्रारूप में 5 एमबी से कम की हो सकती है ।
  • अतिरिक्त दस्तावेज/विवरण: आप अपने आवेदन का समर्थन करने के लिए अतिरिक्त दस्तावेज/विवरण प्रदान कर सकते हैं जैसे वेबसाइट लिंक, वीडियो, पिच डेक इत्यादि। एक बार आवेदन पूरा होने के बाद, इसकी जांच की जाएगी और फिर भारत पंजीकरण प्रमाणपत्र कम्पनी/ऑर्गनाइज़ेशन को प्रदान कर दिया जायेगा।

ध्यान रहे कि स्टार्टअप इंडिया एक्शन प्लान के तहत, सरकार ने समाज के कमजोर वर्गों और महिलाओं के व्यवसायों को 10 लाख रु से 1 करोड़ के बीच बैंक ऋण लेने में मदद के लिए स्टैंडअप इंडिया योजना जैसी पहल भी शुरू की है। प्रधान मंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) जैसी पहलों को छोटे/सूक्ष्म उद्यमों को अपने उत्पादों को बनाने और बाजार में बेचने से धनराशि प्राप्त करने में मदद करने के लिए पेश किया गया है।