कालेधन पर बड़ा खुलासा
न्यासों को जारी हुए नोटिस
कालाधन मोदी सरकार के बड़े चुनावी मुद्दों में शामिल रहा है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से कालेधन के खुलासे का वादा भी किया था|उन्होंने विभिन्न मंचों से विदेशों में जमा कालेधन को भारत वापस लाने की बात भी कही थी| उनके इस वायदे पर उनके प्रथम कार्यकाल में कोई उल्लेखनीय कार्रवाई नहीं हुई|हालांकि इस दौरान उन्होंने कालेधन की तलाश में नोटबंदी जैसा बड़ा भी उठाया था| किंतु इसका प्रभाव देश के बाहर जमा कालेधन नहीं पड़ा था|अब स्विट्जरलैंड के कर प्राधिकरणों ने कई भारतीय न्यासों को नोटिस जारी किया है|
कर चोरी करने वाले न्यासों की पहचान:
विदेशों में जमा कालेधन पर कार्रवाई कि दिशा में मोदी सरकार को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है|न्यूज़ एजेंसी भाषा के अनुसार भारत और स्विट्जरलैंड के कर अधिकारियों ने ऐसे न्यासों की पहचान की है जो कर चोरी की पनाहगाह वाले देशों में स्थित निकायों के जरिए स्विस बैंकों में अवैध धन छिपाकर रखते हैं।ऐसे निकायों को स्विट्जरलैंड के कर प्राधिकरणों ने नोटिस जारी किए हैं। स्विट्जरलैंड के कर अधिकारी ऐसे व्यक्तियों की बैंक जानकारियां भारत के कर अधिकारियों के साथ साझा कर रहे हैं, जो कर चोरी कर यहां से बाहर भाग गए।
स्विट्जरलैंड ने दी नोटिस:
स्विट्जरलैंड के सरकारी राजपत्र में पिछले एक महीने के दौरान प्रकाशित नोटिसों के अनुसार, कुछ कारोबारियों समेत ऐसे कई व्यक्तियों, केमैन आइलैंड्स स्थित न्यासों और कंपनियों को कहा गया है कि यदि वे भारत के साथ बैंक जानकारियां साझा करने के खिलाफ अपील करना चाहते हैं तो अपना प्रतिनिधि नामित करें।बता दें केमैन आइलैंड्स, पनामा और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स जैसी जगहों पर बनाए गए न्यासों को सामान्यत: कर चोरी का जरिया माना जाता है।
ये हैं प्रमुख नाम:
स्विट्जरलैंड के सरकारी राजपत्र में प्रकाशित नोटिसों में केमैन आइलैंड्स के जिन न्यासों का नाम है उनमें पी. देवी चिल्ड्रेंस ट्रस्ट, पी देवी ट्रस्ट, दिनोद ट्रस्ट, अग्रवाल फैमिली ट्रस्ट शामिल हैं। केमैन स्थित देवी लिमिटेड तथा भारत स्थित अधी एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड समेत अन्य कंपनियों को भी नोटिस भेजे गए हैं।