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कोरोना वायरस के कहर से कपड़ा उद्योग बेहाल

कॉटन निर्यात भी हुआ प्रभावित

चीन में फैले कोरोना वायरस से विश्व की सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाएँ बेहाल हो गयी हैं|कच्चे तेल एवं खाद्य तेल में गिरावट का प्रमुख कारण ये वायरस ही है|विश्व के अन्य देशों को प्रभावित करने के बाद कोरोना का कहर अब भारतीय अर्थव्यवस्था पर नजर आने लगा है|चीन से आयात निर्यात में आ रही मुश्किलों के कारण कपड़ा उद्योग सीधे तौर पर प्रभावित नजर आ रहा है|उद्योग से जुड़े लोगों का मानना है कि अगर स्थिति में जल्द ही सुधार नही आया तो भारतीय कपड़ा उद्योग संकट की जद में आ जाएगा|

क्या आ रही हैं समस्याएँ?

भारतीय कपडा एवं कॉटन उद्योग की अगर बात करें तो ये दोनों सेक्टर चीन पर काफी हद तक निर्भर करते हैं| दरअसल भारत विश्व का सबसे बड़ा कॉटन निर्यातक देश है|जबकि चीन भारत के बड़े ग्राहकों में शुमार है |चीन के बाजारों की मांग में आयी कमी का असर भारतीय निर्यातकों पर पड़ेगा| ये प्रभाव क्रमिक रूप,में किसानों पर भी पड़ता नजर आएगा|कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण चीन ने निर्यात लगभग समाप्त कर दिया है| चीन में परिवहन प्रभावित होने के कारण उद्योग धंधे फ़िलहाल ठप हैं| इस परिस्थिति को देखते हुए चीन ने आयात पर रोक लगा दी है|जिसके कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में कॉटन के दामों में भारी गिरावट आ गयी है|

कपड़ा उद्योग भी प्रभावित:

भारतीय कपडा उद्योग से जुड़े विभिन्रोन कारोबारियों का मानना है कि चीन में फैले कोरोना का असर अब भारतीय व्यापारियों पर पड़ने लगा है|उनके अनुसार चीन से केमिकल्स और अन्य उताप्दों के आयात में आयी कमी से से घरेलू कपड़ा उद्योग की लागत बढ़ गई है|जिससे आने वाले त्योहारी मौसम में कपड़ा महंगा हो सकता है। इसके अलावा उद्योग की लागत खर्च बढ़ने से तैयार कपड़े व परिधानों के दाम में भी बढ़ोत्तरी हो जाएगी|जिसके कारण भारतीय उत्पादों के निर्यात पर आने वाले दिनों में असर पड़ सकता है।कान्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री (सीआईटीआई) के पूर्व अध्यक्ष संजय जैन ने आईएएनएस को बताया कि घरेलू कपड़ा उद्योग के प्रोसेसिंग खर्च में 10 फीसदी का इजाफा हो जाएगा जिससे आने वाले दिनों के कपड़े का दाम बढ़ जाएगा।