Arthgyani
होम > न्यूज > अर्थव्यवस्था समाचार > ट्रम्प के दौरे से भारत को क्या मिला?

ट्रम्प के दौरे से भारत को क्या मिला?

ट्रम्प ने भारतीय उद्यमियों से निवेश का आग्रह किया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का दो दिवसीय भारत दौरा मंगलवार को ख़त्म हुआ|इस दौरान उनके मोटेरा स्टेडियम में हुए उनके भव्य स्वागत समारोह को पूरी दुनिया ने देखा|भारत की अगर बात करें तो भारत को ट्रम्प के इस दौरे से बहुत सारी उम्मीदें थी| आर्थिक सुस्ती से जूझ रहे भारत को जरूरत है आर्थिक संजीवनी की जिसकी उम्मीदें अमेरिकी राष्ट्रपति के इस दौरे से जुड़ी हुई थी|हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने दौरे की शुरुआत नकारात्मक टिप्पणी के साथ की थी|इसके बावजूद भी भारत समेत पूरी दुनिया दुनिया की निगाहें इस दौरे पर लगी हुई थी|आइये जानते हैं ट्रम्प का ये दौरा भारत की आशाओं  के सन्दर्भ में  कितना खरा उतरा|

3 बिलियन डालर की डील:

ट्रम्प के दौरे के बाद भारतीय मीडिया में 3 बिलियन डालर की डील पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है |दरअसल भारत इस डील के तहत अमेरिका से 24 रोमियो हेलिकॉप्टर खरीदेगा| अर्थात अगर निवेश की बात करें तो ये भारत का निवेश कहा जाएगा|ट्रम्प राष्ट्रपति बनने से पूर्व अमेरिका में एक उद्योगपति के तौर पर जाने जाते हैं|उनके इस दौरे के परिणामों से भी उनकी विशेषज्ञता को समझा जा सकता है|उन्होंने पहले भी कहा था कि वे अमेरिका के लिए अधिक से अधिक निवेश आकर्षित करना चाहते हैं|अगर अमेरिकी सन्दर्भों में देखें तो उन्होंने कामयाबी से इस दो दिवसीय दौरे में 3 बिलियन डालर की डील अमेरिका की अर्थव्यवस्था को सौंप दी|जबकि भारत ने रक्षा संबंधी उत्पाद के लिए निवेश किया|इस दौरे से भारत में अमेरिकी निवेश के तौर पर कुछ भी नही हासिल हुआ|ट्रम्प ने भारत के साथ व्यापार के सन्दर्भ में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी|

निवेश का आग्रह:

दो दिवसीय भारत प्रवास के दौरान ट्रम्प ने भारत के शीर्ष उद्योगपतियों के साथ चर्चा भी की|इस बैठक में मुकेश अंबानी,आनंद महिंद्रा, एन चंद्रशेखरन और कुमार मंगलम बिड़ला जैसे शीर्ष भारतीय उद्योगपति शामिल हुए|उन्होंने भारतीय उद्यमियों से  अमेरिका में निवेश का आग्रह भी किया|ट्रम्प ने कारोबारियों से कारोबार से जुड़े कायदे-कानून सरल करने का वादा भी किया। ट्रम्प अपने इस पूरे दौरे के दौरान अमेरिकी हितों को लेकर सजग नजर आये|

भारत को नहीं मिला निवेश:

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के दो दिवसीय दौरे को अगर भारतीय उम्मीदों के अनुसार देखें तो ये परिणाम बेहतर नहीं माने जा सकते|हालांकि ट्रम्प के भव्य स्वागत स्वागत और अन्य तैयारियों को अगर देखें तो भारत को ट्रम्प के इस दौरे से बहुत आशाएं थी|आर्थिक सुस्ती के दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश को आकर्षित करना चाहते हैं|किंतु इस दौरे पर ऐसी किसी भी व्यापारिक साझेदारी का स्पष्ट उल्लेख नहीं हुआ जिससे भारतीय हितों को मजबूती मिले|रक्षा सौदा अवश्य ही भारत की आवश्यकता है किंतु इससे अर्थव्यवस्था में निवेश को प्रोत्साहन नहीं मिलेगा|वस्तुतः रक्षा और आर्थिक हित परस्पर दो अलग बाते हैं|इस दौरे के सार संछेप की बात करें तो पूरे दौरे के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी हितों के सेल्समैन की भूमिका में नजर आये|इस सन्दर्भ में उन्हें काफी हद तक कामयाबी भी मिली|भारतीय उद्यमियों की बैठक में उन्होंने भारत के साथ व्यापार समझौते का जिक्र जरूर किया लेकिन इसका कोई आधिकारिक ब्योरा साझा नहीं किया।