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प्याज के निर्यात पर प्रतिबन्ध हटा सकती है सरकार

देश भर में प्याज उत्पादन अपने असली स्थिति में पहुँचने लगी है।

देश भर में प्याज उत्पादन अपने असली स्थिति में पहुँचने लगी है। जिससे मंडियों में उत्पादक क्षेत्रों से नई प्याज की आवक शुरू हो गयी है। इस नयी आवक के शुरू होने से सरकार अब प्याज निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने पर विचार कर रही है। मंडियों में नए प्याज के आने की शुरुआत होते ही प्याज के दाम नीचे आने लगे हैं।

समाचार एजेंसी से प्राप्त ख़बरों के अनुसार एक अधिकारी ने बताया, ‘‘नये प्याज की आवक से कीमतों में नरमी आएगी, इसलिए निर्यात प्रतिबंध हटाने की आवश्यकता है।’’ पिछले महीने एक समय प्याज की कीमत 200  रुपये किलो तक पहुंच गई थी लेकिन अब यह किस्म और अलग अलग स्थानों की प्याज के मुताबिक 60 से 70 रुपये किलो रह गई है। नई प्याज की आवक मई तक होगी।

मुख्य सन्दर्भ

  • प्याज निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने पर विचार कर रही है सरकार।
  • मंडियों में नए प्याज के आने की शुरुआत हो चुकी है।
  • आवक शुरू होते ही प्याज के भाव नीचे आने लगे हैं।
  • पिछले महीने प्याज की कीमत 200 रुपये किलो तक पहुंच गई थी।
  • सितंबर 2019 में प्याज के निर्यात पर सरकार ने रोक लगा दी थी।

ज्ञात हो कि महाराष्ट्र में प्याज की काफी पैदावार होती है लेकिन वर्षा के मौसम में यहां भारी बारिश होने और राज्य में आने से नुकसान होने की वजह से दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में खुदरा प्याज की कीमतें आसमान पर पहुंच गईं। लिहाजा सितंबर 2019 में सरकार ने घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ाने और बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। व्यापारियों पर भी स्टॉक रखने की सीमा तय कर दी गई थी।

प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में अधिक बारिश से फसल वर्ष 2019-20 के खरीफ और खरीफ की देर से हुए प्याज उत्पादन में लगभग 25 प्रतिशत की गिरावट रही। इस बार सर्दियों में भी सब्ज़ी महंगी ही रही। कोई भी सब्ज़ी 40 रुपए किलो से कम नही मिली। जबकि इसे 20 से 30 रु के बीच मे रहना चाहिए था। प्याज़ भी अपने क़ीमत की उच्चतम सीमा तक पहुंची लेकिन अब सस्ती होनी शुरू हो गयी है।