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बजट 2020 आयकर: उम्मीदें और संभावनाएं

मध्यम आय वर्ग को मिलेगी राहत

Income Tax में सरकार ने दी राहत की। पूर्व के अनुमानों के अनुसार लोग आयकर में राहत की उम्मीदें लगाये बैठे थे| राजस्व संग्रह में कमी और मंदी से गुजर रहीं भारतीय अर्थव्यवस्था के दौर में सरकार के सामने आयकर में राहत देना एक बड़ी चुनौती से कम नहीं था|कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती के बाद से ही करदाता आयकर में भी छूट की मांग कर रहे थे|लोगों की अपेक्षा के अनुरूप सरकार ने बजट-2020 में राहत की घोषणा की है|

मध्यम आय वर्ग को मिलेगी राहत:

दरअसल बिक्री संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था को गति देना सरकार के लिए आवश्यक था|विभिन्न वित्तीय विशेषज्ञों ने माध्यम वर्ग को प्रोत्साहन देने की बात कही थी|जानकारों का कहना था कि वाहन एवं अन्य उत्पादों की बिक्री का बड़ा कारण है लोगों के पास धन की कमी होना|प्रायः हर विशेषज्ञ ने अर्थव्यवस्था में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए लिए माध्यम वर्ग की जेब तक पैसे पहुंचाने की वकालत की थी|इसके अतिरिक्त विगत कई वर्षों से अपरिवर्तित टैक्स स्लैब में परिवर्तन के सुझाव भी मिले थे|बजट-2020 के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इन इन सुझावों पर अमल के पूरे प्रयास किये हैं|कर दाताओं को 5 लाख की आय पर नही देना होगा कोई भी कर|

ये है नया कर संशोधन स्लैब:

 

करदाताओं को 5 लाख रुपये तक की आय पर नहीं देना होगा कोई कर।

नई कटौती के बाद अब 7.50 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक की आय कमाने वाले करदाताओं को 15 फीसदी आयकर देना होगा जबकि पहले उनको 20 फीसदी आयकर देना चुकाना होता था।

10 लाख रुपये से लेकर 12.50 लाख रुपये तक की आय पर आयकर की दर 30 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी कर दी गई है।

12.50 लाख रुपये से लेकर 15 लाख रुपये तक की आय पर आयकर की दर 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी कर दी गई है।

हालांकि 15 लाख रुपये से ऊपर की आय वाले आयकर दाताओं के लिए आयकर की दर पूर्ववत 30 फीसदी रखी गई है।