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बजट-2020: 3 सालों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर

उपभोक्ताओं को बिजली वितरण कंपनी बदलने की आजादी

बजट-2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की प्रमुख घोषणाओं में से एक है बिजली का स्मार्ट प्रीपेड मीटर| बजट में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिये 22,000 करोड़ रुपये के  आवंटन की घोषणा के तुरंत बाद वित्त मंत्री ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर का जिक्र किया|बजट प्रस्तुति सत्र के दौरान उन्होंने बताया कि आगामी तीन सालों में ये मीटर हर उपभोक्ता को उपलब्ध करा दिए जायेंगे|

बिजली वितरण कंपनी बदलने की आजादी:

 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले तीन सालों मे सभी के लिए बिजली के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का संसद में ऐलान किया था। ग्राहकों की सुविधा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब बिजली ग्राहकों को वितरण कंपनी चुनने की आजादी मिलेगी। राज्य सरकारें तीन सालों के भीतर परंपरागत बिजली के मीटरों को बदलेंगी। वित्त मंत्री ने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों को पारंपरिक मीटरों को स्मार्ट प्री – पेड मीटरों से बदलना चाहिए। इसके साथ ही ग्राहकों को कभी भी बिजली वितरण कंपनी बदलने की आजादी दी जानी चाहिए। सभी राज्य सरकारों को तीन साल के भीतर पारंपरिक बिजली मीटरों को प्रीपेड स्मार्ट मीटर के साथ बदलने की जरूरत है।अन्य घोषणाओं में वित्त मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक गैस पाइपलाइन ग्रिड को 16,000 किलोमीटर से बढ़ाकर 27,000 किलोमीटर किया जाएगा।

कैसे काम करेगा स्मार्ट प्रीपेड मीटर?

वित्त मंत्री की घोषणा के बाद प्रायः हर उपभोक्ता को जिज्ञासा है स्मार्ट प्रीपेड मीटर के विषय में|आइये जानते हैं स्मार्ट प्रीपेड मीटर क्या है और कैसे काम करेगा| दरअसल नए विद्युत मीटर/ स्मार्ट प्रीपेड मीटर में मोबाइल की तरह ही एक चिप कार्ड होगा| जिसे मोबाईल की तरह  रिचार्ज करने के बाद ही उपभोक्ता बिजली का उपयोग कर सकेंगे। रिचार्ज के अनुसार बैलेंस समाप्त होते ही बिजली स्वत: बंद हो जाएगी।इस समस्या से जहां ग्राहकों को ओवर बिलिंग जैसी समस्या से निजात मिलेगी तो वहीं द्युत विभाग को भी एडवांस में विद्युत शुल्क की राशि प्राप्त हो जायेगी| बिजली बिल के बकाया होने एवं बकाया बिल वसूलने जैसी समस्या से भी बिजली विभाग को राहत मिल जायेगी|