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बजट-2020: DDT कर हुआ समाप्त

राजस्व में 25,000 करोड़ रुपये की कमी

भारतीय शेयर बाजार अब और भी अधिक आकर्षक बनाने के लिए सरकार ने बजट-2020 में लाभांश वितरण कर (डीडीटी)समाप्त करने की घोषणा की|वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निवेशकों के एक बड़े वर्ग को राहत देने के लिए ये घोषणा की|अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि निवेश के लिए भारत को एक आकर्षक देश बनाने के लिए केन्‍द्रीय बजट में लाभांश वितरण कर (डीडीटी) को हटाने का प्रस्‍ताव किया गया है। बता दें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण  ने लोकसभा में बजट-2020-2021 पेश किया|

राजस्व में 25,000 करोड़ रुपये की कमी :

निर्मला सीतारमण ने संसद में वित्‍त वर्ष 2020-21 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि लाभांश पर टैक्‍स अब केवल प्राप्‍तकर्ताओं को ही देना होगा जो उन पर लागू दरों के हिसाब से मान्‍य होगा। इसके अलावा वित्‍त मंत्री ने अपनी सहयोगी कंपनी से किसी होल्डिंग कंपनी को प्राप्‍त लाभांश के लिए कर कटौती की मंजूरी देने का प्रस्‍ताव किया है, ताकि टैक्‍स पर टैक्‍स देने की समस्‍या से मुक्ति पाई जा सके। डीडीटी को हटाने के परिणामस्‍वरूप सरकार के राजस्व में हर  वर्ष अनुमानित 25,000 करोड़ रुपये की कमी आयेगी।

वित्त मंत्री ने कहा:

बजट-2020 के संबोधन में वित्‍त मंत्री ने बताया कि मौजूदा समय में कंपनियों को अपने मुनाफे पर टैक्‍स अदा करने के अलावा अपने शेयरधारकों को दिए गए लाभांश पर भी 15 प्रतिशत की दर से डीडीटी एवं लागू अधिभार तथा उपकर देना पड़ता है। उन्‍होंने कहा कि इस आशय की दलील दी गई है कि डीडीटी लगाने की व्‍यवस्‍था से निवेशकों, विशेषकर उन लोगों पर कर बोझ बढ़ जाता है, जिन्‍हें उस स्थिति में डीडीटी की दर से कम टैक्‍स देना पड़ता है, जब लाभांश आय को उनकी आय में शामिल कर लिया जाता है। इसके अलावा, ज्‍यादातर विदेशी निवेशकों को अपने देश में डीडीटी को उनके खाते में न डालने या क्रेडिट करने पर उनकी इक्विटी पूंजी पर रिटर्न की दर घट जाती है।