भारत के आयात प्रतिबंधों से मुश्किल में मलेशिया
मलेशिया को लगभग 11 अरब डालर का नुकसान उठाना होगा
भारत के आयात प्रतिबंध से मुश्किल में है मलेशिया|कश्मीर और CAA के मुद्दे पर भारत सरकार की नीतियों के विरुद्ध बयानबाजी के बाद मलेशिया से आयातित पाम आयल पर रोक लगाई गयी था|ताजा सूचना के अनुसार अब मलेशिया से आयातित अन्य वस्तुओं पर भी प्रतिबंध लगा सकती है सरकार|आयात पर रोक निश्चित रूप से मलेशिया के एक बड़ा झटका और सख्त सबक होगी|
भारत के हितों को नुकसान:
आयात रोक की प्रमुख वजह भारत ने भारतीय हितों को बताया है|कैबिनेट सचिवालय द्वारा वाणिज्य मंत्रालय को भेजे गए निर्देश के अनुसार मलेशिया के प्रतिबंधकारी व्यापार दस्तूर पर कोई कदम उठाया जाए|जिसका अर्थ है मलेशिया के कई तरह के निर्यात से भारत के हितों को नुकसान हो रहा है|आजतक में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार मलेशिया से आयातित कई वस्तुओं पर रोक लगाई जा सकती है|जिनमे कच्चा तेल, रिफाइंड पाम ऑयल, क्रूड पाम ऑयल, कॉपर एवं एल्युमिनियम वायर, माइक्रोप्रोसेसर और अन्य कंप्यूटर एवं टेलीकॉम उत्पाद, टर्बोजेट, एल्युमिनियम इग्नोट, एलएनजी भी शामिल है|इन व्यापारी प्रतिबंधों से मलेशिया की अर्थव्यवस्था को सालाना 11 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हो सकता है|
ये हैं व्यापारिक आंकड़े:
विदित हो कि इस घटना क्रम से पहले 2018-19 में मलेशिया ने भारत में 11 अरब डॉलर का निर्यात किया था|चालू वित्त वर्ष में भी नवंबर तक मलेशिया इन उत्पादों का करीब 7 अरब डॉलर का निर्यात कर चुका है|ये आंकड़े इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत विश्व के सबसे बड़े तेल आयातकों में शुमार है|भारत के प्रतिबंधों के मलेशिया को लगभग 11 अरब डालर का नुकसान उठाना होगा|बीते दिनों सरकार ने मलेशिया से आने वाले रिफाइंड पॉम ऑयल आयात पर भी 5 फीसदी का सेफगॉर्ड कर लगाया गया है जो मार्च, 2020 तक जारी रहेगा|इसे ‘निषिद्ध’ श्रेणी में रखा गया है, यानी इसके आयात के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय से लाइसेंस लेना होगा|भारतीय व्यापारियों के नजरिये से देखें तो सरकार के इस निर्णय में देश के कारोबारियों को फायदा भी है|इस रोक के बाद भारत में क्रूड पाम ऑयल के रिफाइन कारोबार में लगे व्यापारियों को फायदा होगा|