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भारत: निर्यात में आयी गिरावट

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों में हुआ खुलासा

आयात और निर्यात किसी भी अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण अवयव हैं|सुविधा या उत्पाद के आयात से संचित विदेशी मुद्रा भंडार से व्यव करना पड़ता है|जबकि निर्यात से विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होती है|अतः हर अर्थव्यवस्था का झुकाव निर्यात की ओर अधिक होता है|आर्थिक मंदी का प्रभाव विश्व की हर अर्थव्यवस्था पर पड़ा है|भारत की बात करें तो वैश्विक सुस्ती के कारण भारत के निर्यात में लगातार गिरावट हो रही है|

ये हैं आधिकारिक आंकड़े:

वैश्विक मंदी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव सर्वविदित है| वर्ष दर वर्ष आधार पर देखें तो जनवरी-2020 के दौरान भारतीय निर्यात 1.66 प्रतिशत की  गिरावट आई है|शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़े के अनुसार, जनवरी में निर्यात 25.97 अरब डॉलर रहा, जबकि पिछले साल की जनवरी में निर्यात 26.41 अरब डॉलर रहा |वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “अप्रैल-जनवरी 2019-20 की अवधि में कुल निर्यात 265.26 अरब डॉलर हुआ,जबकि अप्रैल-जनवरी 2018-19 की अवधि के दौरान निर्यात 270.49 अरब डॉलर हुआ था|इस आधार पर देखें निर्यात में 1.93 प्रतिशत की गिरावट आई है|” गोरतलब है कि भारतीय अर्थव्यस्था इन दिनों वैश्विक मंदी के कुप्रभाव से जूझ रही है|इस दौरान विश्व की तमाम रेटिंग एजेंसियों ने भारत की आर्थिक विकास दर में गिरावट की संभावना भी व्यक्त की है|

सरकार निर्यात बढाने के प्रयास कर रही है:

वाणिज्य मंत्रालय के बयान में कहा गया है, “जनवरी 2020 में गैर-पेट्रोलियम और गैर-जेम्स और ज्वेलरी निर्यात 19.79 अरब डॉलर का था,जबकि जनवरी 2019 में यह 19.94 अरब डॉलर था|यानी इसमें 0.78 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई|” आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार  हाल ही में वाणिज्य राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था, ‘‘अफ्रीका,लातिनी अमेरिका जैसे उभरते बाजारों को तरजीही या मुक्त व्यापार करारों के जरिये निर्यात बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं|”पुरी ने कहा था कि निर्यातकों को सरकार से जिस भी तरह के समर्थन की जरूरत है, उन्हें वह उपलब्ध कराया जा रहा है|सरकार को निर्यातकों के समक्ष आ रही दिक्कतों की जानकारी है और वह निर्यात बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है|