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सरकारी विनिवेश का लक्ष्य अधुरा, उम्मीद से कम राजस्व संग्रह

सरकार करीब 17 फीसदी हिस्सा ही हासिल कर सकी है।

सरकार को चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से अब तक 12,995.46 लाख करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं, जिसमें आईआरसीटीसी के आईपीओ से प्राप्त 637.97 करोड़ रुपए भी शामिल हैं। जबकि सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 में विनिवेश से 1.05 लाख करोड़ रुपए हासिल करने का लक्ष्य रखा है। विनिवेश से प्राप्त रकम की यह जानकारी निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग से मिली।

विनिवेश की प्रक्रिया से जुड़े लोगों ने बताया कि कुछ कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया काफी जटिल है। इसके चलते इस साल सरकार विनिवेश के लक्ष्य से चूक सकती है। इस मामले पर राय देने के लिए वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता से तुरंत संपर्क नहीं हो सका। माना जा रहा है कि विनिवेश से तय रकम नहीं मिलने से सरकार पर दबाव बढ़ जाएगा।

सरकार अब तक विनिवेश लक्ष्य

सरकार अब तक विनिवेश लक्ष्य का करीब 17 फीसदी हिस्सा ही हासिल कर सकी है। चालू वित्त वर्ष के पहले 8 महीनों में टैक्स संग्रह भी सिर्फ 46 फीसदी रहा है। ईटी नाउ ने सरकारी सूत्रों के हवाला से बताया है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार की आय में 4 लाख करोड़ रुपये की कमी आ सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के बारे में कुछ कहने से इनकार कर दिया है। वह 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। यह उनका दूसरा बजट होगा।

माना जा रहा है कि विनिवेश से तय रकम नहीं मिलने से सरकार पर दबाव बढ़ जाएगा।  सरकार पहले ही उम्मीद से कम राजस्व संग्रह के चलते मुश्किलों का सामना कर रही है।  सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.8 फीसदी तक पहुंच जाने का अनुमान जताया था।  सरकार ने इस वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे के लिए 3.3 फीसदी का लक्ष्य तय किया था।

इस साल पहली बार सूचीबद्ध होने वाली कंपनियों में आईआरसीटीसी का प्रदर्शन काफी आकर्षक रहा है। बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर शुक्रवार को आईआरसीटीसी के शेयर का भाव 874 रुपए प्रति शेयर पर बंद हुआ और इसकी बाजार पूंजी अब 14,000 करोड़ रुपए हो गई है, जबकि पब्लिक ऑफरिंग से इसने 5,120 करोड़ रुपए की उम्मीद की थी।