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सुप्रीम कोर्ट बदलेगा राजकोषीय घाटे की तस्वीर

एक दिन में आए 14690 करोड़ रुपये

राजकोषीय घाटा मोदी सरकार की प्रमुख समस्या बन चुका है|आर्थिक सुस्ती और वैश्विक मंदी के बीच सरकार के निरंतर प्रयास नये राजस्व के सृजन की ओर हैं|भारी आर्थिक तंगी से गुजरने के कारण ही सरकार ने विनिवेश की तमाम योजनाएं बनाई हैं। हालांकि उन सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में अभी वक्त लगेगा|ऐसे मुश्किल वक्त में सुप्रीम कोर्ट  सरकार का संकटमोचक बनता नजर आ रहा है| सुप्रीम कोर्ट के सख्त रवैये के बाद सरकारी खजाने में धन की आवक शुरू हो गयी है|

एक दिन में आये 14690 करोड़  रूपये:

AGR मामले में vodafone और airtel के ढुलमुल रवैये के कारण विलंबित भुगतान आना शुरू हो गया है|सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद अब सरकारी खजाना भरता दिख रहा है। भुगतान के क्रम में सोमवार को  एयरटेल ने 10 हजार करोड़, वोडाफोन आइडिया ने 2500 करोड़ रुपये और टाटा समूह ने 2190 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। ये पूरी राशि जोड़ दें तो कोर्ट के फैसले के कारण एक दिन में सरकारी खजाने में 14690 करोड़ रुपये आए हैं।

17 मार्च तक 1.47 लाख करोड़ रुपये :

सुप्रीम कोर्ट ने AGR (अजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू) बकाए को लेकर टेलिकॉम कंपनियों के खिलाफ जो सख्त तेवर दिखाए हैं उसे देखकर सरकार को राहत जरूर मिली होगी |बता दें कि  टेलिकॉम कंपनियों पर 1.47 लाख करोड़ रुपये का बकाया है और इन्हें 17 मार्च तक का वक्त दिया गया है। उससे पहले कंपनियों को पूरा बकाए का भुगतान करना है।अगर सबकुछ सही रहा तो 17 मार्च तक सरकारी खजाने में 1.47 लाख करोड़ रुपये होंगे।सरकार को उम्मीद है कि 1.20 लाख करोड़ रूपये का भुगतान होगा| विदित हो AGR प्रकरण में कुछ कंपनियां ऐसी भी हैं जो अब दिवालिया हो चुकी हैं ऐसे में उनसे भुगतान की उम्मीद नही लगाए जा सकती|

बदल जायेगी राजकोषीय घाटे की तस्वीर:

AGR विवाद की लंबित राशि 1.47 करोड़ में से सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 1.20 लाख करोड़ रूपये प्राप्त करने की उम्मीद है|ये भुगतान सरकारी खजाने में जमा होने के बाद राजकोषीय घाटे की तस्वीर बदल जायेगी|स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के आर्थिक जानकारों द्वारा नवभारत टाइम्स को दी गयी जानकारी के अनुसार, इस पेमेंट से साल 2019-20 के लिए राजकोषीय घाटा (फिस्कल डेफिसिट) घटकर 3.5 फीसदी पर पहुंच जाएगा। विदित हो कि बजट-2020 में इस अनुमान को बढ़ाकर 3.8 फीसदी कर दिया गया था।