प्रत्यक्ष कर / डायरेक्ट टैक्स क्या है ?
हमने जाना के कर/ टैक्स के मुख्य दो प्रकार हैं - प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर
हमने जाना के कर/ टैक्स के मुख्य दो प्रकार हैं – प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर प्रत्यक्ष कर / डायरेक्ट टैक्स, यानी वह कर जो सरकार सीधे जनता से लेती है। एक ऐसा टैक्स जिसे किसी व्यक्ति या संगठन द्वारा सीधे सरकार को दिए जाते हैं, यह सरकार द्वारा प्रत्यक्ष रूप से व्यक्तियों और संगठनों पर लागू कर / टैक्स है। व्यक्ति या संगठन मुख्य उद्देश्यों के लिए सरकार को कर / टैक्स का भुगतान करता है। जहां कर / टैक्स एक इकाई पर लगाया जाता है जिस संगठन पर कर / टैक्स लगाया जाता है वह कर भुगतान की पूर्ति के लिए जिम्मेदार है। प्रत्यक्ष कर अप्रत्यक्ष करों से अलग होता हैं।
प्रत्यक्ष कर / डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax) के भी कई प्रकार है :
- आय कर (Income Tax)
- कैपिटल गेनस टैक्स (Capital Gains Tax).
- सिक्योरिटीज ट्रांसक्शन टैक्स (Securities Transaction Tax)
- कॉर्पोरेट कर (Corporate Tax)
आय कर (Income Tax)
प्रत्यक्ष कर (Direct Tax ) में सबसे पहला टैक्स है आय कर (Income Tax), हर एक व्यक्ति जिसकी आय कर योग्य सीमा (taxable limit) से ज्यादा होती है, उसे आय कर (Income tax) देना होता है। भारत में २.५ लाख रुपये से ज्यादा की सालाना आय पर आय कर देना होता है।
यह भी पढ़ें : जानिये इनकम टैक्स बचाने के उपाय क्या हैं?
कैपिटल गेनस टैक्स (Capital Gains Tax)
भारत में दूसरा प्रत्यक्ष कर(Direct Tax) है कैपिटल गेनस टैक्स (Capital Gains Tax). इसके तहत अगर आपकी संपत्ति, शेयर, बॉन्ड्स या महंगी वस्तुओं को बेचकर मुनाफा कमाते हैं तो आपको ये कर/टैक्स (Tax) सरकार को चुकाना होता है।
सिक्योरिटीज ट्रांसक्शन टैक्स (Securities Transaction Tax)
तीसरा प्रत्यक्ष कर (Direct tax) है सिक्योरिटीज ट्रांसक्शन टैक्स (Securities Transaction Tax). इसके तहत स्टॉक एक्सचेंज (stock exchange) में हर लेन- देन (transaction) पर आपको कर/टैक्स (Tax)देना होता है।
कॉर्पोरेट कर (Corporate Tax)
चौथे प्रकार का प्रत्यक्ष कर (Direct tax) है कॉर्पोरेट कर (Corporate Tax), जिसके तहत देश भर की कंपनियां अपनी आय पर सरकार को कर/टैक्स (Tax) देती हैं।
यह चार प्रकार के प्रत्यक्ष कर (Direct tax) सरकार तक पहुंचना ज़रूरी है, ऐसा न होने पर आपको भविष्य में परेशानियों का सामना करना पड सकता है।