5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत:अमित शाह
देशवासियों को निराश होने की जरूरत नहीं
अर्थव्यवस्था को लेकर देशवासियों को निराश होने की जरूरत नहीं है। अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति का एक अस्थायी चरण है, जो जल्द खत्म हो जाएगा। भारत 2024 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। ये बातें केंद्रीय गृहमंत्री ने कही| वे गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (जीटीयू) के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे|
मोदी सरकार में 3,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था:
भारतीय अर्थव्यवस्था की सुस्ती को विश्व की तमाम रेटिंग एजेंसियों समेत RBI ने भी एक बड़ी समस्या के तौर पर स्वीकार किया है|इन साड़ी चिन्ताओ को दरकिनार करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि शुरुआती 70 साल में, हमारी अर्थव्यवस्था बढ़कर दो हजार अरब डॉलर की हुई।जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के शुरुआती पांच साल में यह बढ़कर तीन हजार अरब डॉलर हो गई।अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष के रवैये को शाह झूठा प्रचार बताया|इस विषय पर जवाब के क्रम में शाह ने छात्रों से कहा, ”झूठे प्रचार से भ्रमित न हों। भारत जब पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा तो सबसे अधिक फायदा आप लोगों को होगा।उन्होंने छात्रों को भरोसा दिलाया कि भारत ये लक्ष्य 2024 तक प्राप्त कर लेगा|
युवा दूर करेंगे समस्याएँ:
केंद्रीय गृहमंत्री ने अपने संबोधन में युवाओं को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया|अप्रत्यक्ष प्रतिक्रिया देते हुए शाह ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि भारत में आज भी गरीबी, अशिक्षा और भुखमरी का बोलबाला है। लेकिन युवा इन दावों पर यकीन नहीं करते हैं।युवाओं को स्टार्टअप बनाने के लिए प्रेरित करते हुए शाह ने कहा कि तकनीकी शिक्षा हासिल करने वाले युवाओं को रिसर्च आधारित स्टार्टअप बनाने चाहिए| जिससे भारत की समस्याओं को दूर कर सकें।शाह ने अपने संबोधन में किसानों आधारित समस्याओं के तकनीकी निस्तारण के लिए युवाओं से अपील की|उन्होंने कहा कि पराली जलाने के लिए किसानों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।जबकि एक्टिवस्ट किसानों को पराली जलाने का दोषी बता देते हैं। लेकिन किसानों के पास इसके अलावा कोई चारा नहीं है। हमारे युवा टेक्नोलॉजी से किसानों की इस समस्या को दूर कर सकते हैं।