Arthgyani
होम > न्यूज > विनिवेश

विनिवेश के मापदंड को नीति आयोग ने तय किया है

28 केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश का निर्णय

विनिवेश के मापदंड को नीति आयोग द्वारा तय किया गया है| यह लाभ या हानि पर आधारित नहीं है। ये मापदंड राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभु कार्यप्रणालियों, बाजार की खामियों और लोगों के उद्देश्यों के हिसाब से तय किया गया है।ये जवाब केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को लाभकारी सार्वजनिक उपक्रमों में हिस्सेदारी की बिक्री को लेकर उठे सवाल पर दिया|

विनिवेश पर संसद में सवाल:

लाभकारी सार्वजनिक उपक्रमों की बिक्री पर पूरे देश में चर्चा हो रही है| सरकार बीपीसीएल, एयर इंडिया समेत तमाम सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश को प्रक्रिया को अपना रही है| मंगलवार को संसद के शीतकालीन सत्र  में इस विषय पर संसद में भी व्यापक चर्चा हुई| इस विषय पर शिवसेना सांसद संजय राउत के सवाल पर मोदी सरकार का पक्ष केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने रखा|प्रश्न का मौखिक जवाब देते हुए अनुराग ने कहा कि, “सरकार विनिवेश की नीति, सीपीएसई में रणनीतिक विनिवेश का अनुसरण करती है,जो कि प्राथमिकता वाले क्षेत्र नहीं हैं।” इसे लाभ और हानि से जोडकर नहीं देखना चाहिए|

28 केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों का विनिवेश:

विदित हो कि मोदी सरकार ने 28 केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों(सीपीएसई) के विनिवेश के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी है|इसके अंतर्गत विभिन्न लाभकारी कंपनियां बीपीसीएल और कंटेनर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड(कोनकोर) जैसे ईंधन रिफाइनरी और खुदरा विक्रेता भी शामिल हैं। विनिवेश योजना में, सरकार ने विभिन्न कंपनियों में प्रबंधन नियंत्रण के साथ अधिकांश हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लिया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडल समिति(सीसीईए) की बैठक में पिछले माह बीपीसीएल में सरकार की 53.29 हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी दी गयी थी। सरकार के इस फैसले का विपक्ष समेत विभिन्न संगठनों ने कड़ा विरोध किया था|जबकि सरकार का तर्क है कि विनिवेश से सीपीएसई के संसाधनों का इस्तेमाल हो पाएगा, जिसे सामाजिक क्षेत्रों और विकास कार्यो में लगाया जा सकेगा और लोगों को फायदा होगा।