AGR: Airtel ने चुकाया 10,000, SC ने ठुकराया Vodafone का प्रस्ताव
AGR बकाया मुक़दमे में सुप्रीम कोर्ट ने 17 मार्च को संबंधित सभी कंपनियों के MD को किया है तलब
एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाया पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद सभी संबंधित टेलिकॉम कंपनियों में कोहराम मचा हुआ है| एक ओर जहां भारती एयरटेल ने स्वयं के द्वारा दिए हुए समय सीमा 20 फरवरी से तीन दिन पूर्व ही 10,000 करोड़ रूपए का भुगतान कर दिया, वहीं दूसरी ओर Vodafone-Idea के एक प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जिसमें वोडाफोन ने आज 2500 करोड़ रूपए भुगतान करने के बाद शुक्रवार तक और 1,000 करोड़ रूपए भुगतान करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था|
सुप्रीम कोर्ट ने VODA के प्रस्ताव को ठुकराया
ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत प्रस्ताव में वोडाफोन ने इस रकम के भुगतान के बदले वर्तमान में उसके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई ना किए जाने की बात कही थी| न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने वोडाफोन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी द्वारा दिए गए प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया| ज्ञात हो कि Vodafone-Idea के ऊपर 53,000 करोड़ रुपए बकाया है, जिसमें 24,729 करोड़ रुपए स्पेक्ट्रम का और अन्य 28,309 करोड़ रुपए लाइसेंस शुल्क है|
AIRTEL ने समय पर भुगतान की बात कही
वहीं दूसरी ओर भारती एयरटेल ने आज 10,000 करोड़ रूपए के भुगतान के साथ कहा है कि, ‘हम शीघ्रता के साथ स्वआकलन की प्रक्रिया में हैं और सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई से पहले हम इस प्रक्रिया को पूरा करके बचे बकाया का भी भुगतान करेंगे| एयरटेल ने कहा कि बचे हुए बकाए का भुगतान करने के वक्त वह इससे जुड़ी और जानकारी भी देगी|’
ज्ञात हो कि एयरटेल पर कुल 35,586 करोड़ रूपए का बकाया है, वहीं अन्य कंपनियों में टाटा टेलीसर्विसेज पर तकरीबन 13,800 करोड़ रुपए का बकाया है| जबकि दो सरकारी टेलिकॉम कंपनियों BSNL पर 4,989 करोड़ रुपए और MTNL पर 3,122 करोड़ रूपए AGR बकाया है| जबकि RCom अभी दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है|