भारती इन्फ्राटेल और इंडस टावर्स का होगा विलय
अब इंडस टावर और भारती इन्फ्राटेल एक साथ मिल कर काम करेंगी।
भारत की दो टावर कंपनियों का विलय होने जा रहा है। अब इंडस टावर और भारती इन्फ्राटेल एक साथ मिल कर काम करेंगी। इन दोनों कंपनियों का मिल कर काम करने से 1,63,000 नए टावर लगाने का लक्ष्य है। ताकि अभी तलक जहाँ भी नेटवर्क की कमी है वहां तक टावर लगाएं जाएँ ताकि वहां के लोगों को नेटवर्क का पूरा लाभ मिल सके। इन दोनों कंपनियों को विलय की मंजूरी दूरसंचार विभाग ने दी है। आप को बता दें ये दोनों कंपनी विलय के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी टावर कंपनी बन जायेंगी।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार भारती इन्फ्राटेल ने बताया की दूरसंचार की मंजूरी के बाद आगे के कार्यवाही के लिए 24 फरवरी को इन दोनों कंपनियों के बाच बैठक होगी। बैठक के बाद ही आगे का निर्णय लिया जाएगा।
कंपनियों की हिस्सेदारी 42-42 प्रतिशत की
भारती इन्फ्राटेल और इंडस टावर्स के विलय के बाद कारोबार में तेजी आएगी और इनका पूर्ण स्वामित्व भी होगा। अभी तलक इन दोनों कंपनियों और वोडाफोन में 42-42 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। इसलिए भी इस विलय को सही माना जा रहा है। ताकि वोडाफोन-आईडिया अपनी हिस्से दारी बेच कर अपना कर्ज चूका सके।
आईडिया और वोडाफोन कंपनियों पर AGR का ज्यादा दबाव बनता जा रहा है इन कंपनियों को AGR को 53 हज़ार करोड़ रूपये लौटने हैं। हम सभी टेलिकॉम कंपनियों की बात करें तो 1.47 लाख करोड़ रूपये चुकाने हैं इन सभी टेलिकॉम कंपनियों को। टेलिकॉम कंपनियों ने अपनी कुछ कुछ रकम भरनी शुरू कर दी है। एयरटेल ने 10 हजार करोड़ और वोडाफोन आईडिया ने 3,500 करोड़ रूपये भरने का काम किया है।